प्रथम चरण में लक्षणों का पता चलने पर कैंसर का इलाज संभव : डा. शर्मा
जागरण संवाददाता रोहतक स्वास्थ्य की अनदेखी व गलत खानपान से देश मे कैंसर के मरीजों की संख्
जागरण संवाददाता, रोहतक : स्वास्थ्य की अनदेखी व गलत खानपान से देश मे कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कैंसर के पीछे सबसे बड़ी वजह लोगों की अज्ञानता है। लोग कैंसर की अंतिम चरण में डाक्टर के पास इलाज के लिए आते हैं। इस स्टेज में इलाज बहुत मुश्किल होता है। लोगों को जैसे ही कैंसर के लक्षणों का पता चले तभी डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए। प्रथम चरण में ही उचित इलाज मिलने पर कैंसर का इलाज संभाव है। रविवार को नरूला डायग्नोस्टिक सेंटर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बीएलके सुपर स्पेशीलीटी हॉस्पिटल के सलाहकार डा. जय गोपाल शर्मा ने यह कहा। सेंटर पर ऑनकोलॉजी ओपीडी शुरू करने पर पत्रकार वार्ता की गई थी।
डाक्टर शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रीवेंशन एंड रिसर्च के अनुसार स्तन, मुंह, फेफड़े, पेट, कोलेस्ट्रॉल, फैरिक्स और अंडाशय को प्रभावित करने वाले कैंसर सबसे ज्यादा होते हैं। प्रथम स्टेज पर जांच के बाद इसे इलाज से रोका जा सकता है। अस्पताल ने इस बीमारी से जागरुक करने के लिए सामुदायिक आउटरीच प्रोग्राम-नो कैंसर शुरू किया है। डायग्नोस्टिक सेंटर के प्रबंध निदेशक डा. अरुण नरूला ने कहा कि जरूरतमंद लोगों के लिए सेंटर पर कम खर्च पर कैंसर के टेस्ट कराने का प्रावधान है। डा. अनीता नरूला ने ब्रेस्ट कैंसर की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिलाएं संकोची स्वभाव के कारण बीमारी का जिक्र किसी से नहीं करती हैं। जब बीमारी बड़ी हो जाती है तो इलाज कराने के लिए निकलती हैं। इस बीमारी से बचने के लिए भोजन में पत्तेदार सब्जियां लेनी चाहिए। प्रतिदिन आधा घंटा व्यायाम करने से भी कैंसर से बचा जा सकता है।
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