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सुपवा के विद्यार्थियों ने किया ऑनलाइन कक्षाओं का बहिष्कार, नहीं जमा करा रहे फीस

पंडित लख्मीचंद यूनिवर्सिटी ऑफ परर्फोमिग एंड विजुअल (पीएलसी सुपवा) प्रबंधन और विद्यार्थी फिर एक बार आमने-सामने हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 08:14 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 08:14 AM (IST)
सुपवा के विद्यार्थियों ने किया ऑनलाइन कक्षाओं का बहिष्कार, नहीं जमा करा रहे फीस
सुपवा के विद्यार्थियों ने किया ऑनलाइन कक्षाओं का बहिष्कार, नहीं जमा करा रहे फीस

जागरण संवाददाता, रोहतक : पंडित लख्मीचंद यूनिवर्सिटी ऑफ परर्फोमिग एंड विजुअल (पीएलसी सुपवा) प्रबंधन और विद्यार्थी फिर एक बार आमने-सामने हैं। फैकल्टी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन (एफटीवी) के विद्यार्थियों ने ऑनलाइन कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया है। दूसरी ओर करीब 90 फीसद छात्र-छात्राओं ने अंतिम तिथि के बाद भी सेमेस्टर फीस भी जमा नहीं कराई है। 30 सितंबर तक लेट फीस के साथ छात्र-छात्राएं सेमेस्टर फीस जमा करा सकते हैं।

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एफटीवी के विद्यार्थियों का कहना है कि जिस प्रकार का उनका सिलेबस स्ट्रक्चर है ऑनलाइन कक्षाओं से पूरा नहीं किया जा सकता। संस्थान को कई बार परेशानी से अवगत करा चुके हैं, लेकिन, हमें अनसुना किया जा रहा है। कई विद्यार्थी ऐसे जिन्होंने आर्थिक तंगी और प्रोजेक्ट न कराने की वजह से ड्रॉप आउट का निर्णय लिया है। विद्यार्थियों का कहना है कि एक साल को जीरो ईयर नहीं बना सकते। प्रोजेक्ट किए बगैर पास किए जाना किसी प्रकार से भी विद्यार्थी हित में नहीं है। दूसरी ओर विवि प्रबंधन का कहना है कि विद्यार्थियों को नियमित कक्षाएं लगानी चाहिए।

रजिस्ट्रार प्रो. किरण कंबोज का कहना है कि कोविड की वजह से विवि में शिक्षण कार्य ऑनलाइन करने के निर्देश हैं। हम बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रयासरत हैं। जैसे ही संस्थान खुलेंगे विद्यार्थी अपने प्रेक्टिकल कर सकते हैं। विद्यार्थियों को बगैर देरी किए फीस जमा करानी चाहिए। किसी को तंगी है तो विवि प्रबंधन से बात कर सकता है। किश्तों में फीस जमा कराने का प्रावधान भी दिया गया है। वर्जन :::

फिल्म मेकिग जैसे कोर्स सिर्फ डिग्री लेने के लिए नहीं होते। प्रेक्टिकल बगैर इस कोर्स का कोई मतलब नहीं है। साथ ही ऑनलाइन कक्षाओं को भी कोई स्ट्रक्चर नहीं है। विद्यार्थी देश के ऐसे क्षेत्रों से भी हैं जहां नेटवर्क बेहद धीमा है। ऐसे में बहुत से विद्यार्थी ऑनलाइन कक्षाओं में थ्योरी भी पूरी नहीं कर पाएंगे। हमें लिखित में आश्वासन नहीं दिया जा रहा कि प्रेक्टिकल कराए जाएंगे। विद्यार्थियों को अपने प्रोजेक्टस को लेकर मानसिक तनाव बना हुआ है।

- दीपक जैन, प्रधान, फिल्म स्टूडेंट यूनियन, पीएलसी सुपवा।


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