शहर की प्रॉपर्टी में बड़ी खामियां, दावे-आपत्तियों को लेकर लोग काट रहे चक्कर
नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स के सर्वे का कार्य पूरा होने का दावा किया है लेकिन लोग अब भी भटक रहे हैं।
जागरण संवाददाता, रोहतक : नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स के सर्वे का कार्य पूरा होने का दावा किया है। हालांकि मंगलवार को भी बड़े पैमाने पर लोग चक्कर काटते हुए दिखे। सोमवार को दावे-आपत्तियां दर्ज कराने की आखिरी तारीख थी। वैसे निगम के अधिकारियों ने 15 अप्रैल तक दावे-आपत्तियों पर सुनवाई करने का फैसला लिया है। इसलिए लोग निगम कार्यालय में पहुंचे। तमाम आवेदकों का दावा है कि उनकी प्रॉपर्टी की श्रेणी से लेकर क्षेत्रफल, नाम तक में खामियां हैं। वहीं, सर्वे से जुड़ी एजेंसी ने दावा किया है कि सर्वे के दौरान कोई खामी नहीं रही।
आंबेडकर चौक स्थित नगर निगम कार्यालय में दावे-आपत्तियां दर्ज कराने के लिए चार काउंटर लगाए गए हैं। प्रेम नगर निवासी कर्मवीर सिंह ने सीनियर डिप्टी मेयर राजू सहगल से शिकायत की। इन्होंने दावा किया है कि इनका प्रेम नगर में रिहायशी प्लाट है, लेकिन निगम ने इसे कामर्शियल प्लाट की श्रेणी में शामिल कर दिया है। इसी तरह तिलक नगर निवासी नरेश कुमार ने बताया कि उनका 164 गज का प्लाट है, लेकिन सर्वे के बाद उनके प्लाट का साइज 150 गज ही दिखाया जा रहा है। इनके अलावा भी तमाम लोग शिकायत लेकर पहुंचे। बता दें कि सोमवार तक आफलाइन 150 दावे-आपत्तियां ही दर्ज हो सके थे। दूसरी ओर, सर्वे से जुड़ी एजेंसी के मैनेजिग डायरेक्टर संजय गुप्ता का कहना है कि यदि किसी के घर के बाहर शटर लगा हुआ है तो वह कामर्शियल श्रेणी में आएगा। इसी तरह किसी के साइज में इसलिए गड़बड़ी नहीं हो सकती है कि तीन तरफ के फोटो और ड्रोन से छतों के फोटो हैं। इसलिए किसी भी सूरत में खामी नहीं हो सकती।
वर्जन
प्रॉपर्टी टैक्स का सर्वे हो चुका है। सर्वे के दौरान सबसे पहले घर-घर यानी प्रत्येक यूनिट पर पहुंचकर तीन तरफ से फोटो खींचे। इसमें आगे, दाएं-बाएं से भी फोटो लिए गए। इसके बाद ड्रोन से छतों के ऊपर से फोटो लिए और गूगल मैपिग कराई गई। इसलिए खामी होने का सवाल ही नहीं। उपभोक्ताओं को सही जानकारी के साथ ही एक-एक इंच का हिसाब मौजूद रहेगा।
संजय गुप्ता, मैनेजिग डायरेक्टर, याशी कंसल्टेंसी, जयपुर
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नगर निगम में बुरा हाल है। प्रॉपर्टी टैक्स के सर्वे में हर दूसरे-तीसरे व्यक्ति की प्रॉपर्टी में खामियां हैं। नगर निगम में कोई सुनवाई नहीं हो रही। जनता कहां शिकायत करे। अधिकारी कोई खामियां न होने का दावा करते हैं।
मदनदलाल कुरड़ा, पूर्व पार्षद, नगर निगम