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भोरेर आशाएं से महामारी और लॉकडाउन की परिस्थितियों का संजीदा चित्रण

कोरोना महामारी में अपनों के बिछड़ने का गम और अस्त-व्यस्त जीवन का सटीक चित्रण सप्तक कल्चरल सोसायटी की ओर से आयोजित नाट्य प्रस्तुति भोरेर आशाएं (सवेरे की आस में) में देखने को मिला।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 06:23 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 06:23 AM (IST)
भोरेर आशाएं से महामारी और लॉकडाउन की परिस्थितियों का संजीदा चित्रण
भोरेर आशाएं से महामारी और लॉकडाउन की परिस्थितियों का संजीदा चित्रण

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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कोरोना महामारी में अपनों के बिछड़ने का गम और अस्त-व्यस्त जीवन का सटीक चित्रण सप्तक कल्चरल सोसायटी की ओर से आयोजित नाट्य प्रस्तुति भोरेर आशाएं (सवेरे की आस में) में देखने को मिला। रंग संस्कार थियेटर ग्रुप (अलवर) की अभिनेत्री मोनालिया दास ने अपने अभिनय से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। संजय चट्टोपाध्याय के मूल बांग्ला नाटक का निर्देशन भी मोनालिया दास ने ही किया।

मोनालिया दास ने एक ऐसी युवती का किरदार निभाया जोकि एक वस्त्र की दुकान चलाती है। लॉकडाउन में दुकान बंद रही। अनलॉक होने पर दुकान खोलने की तैयारी है। लॉकडाउन में युवती के पिता का भी देहांत हो जाता है। विपरित परिस्थितियों से जूझ रही युवती के जीवन चित्रण ने सभी की आंखें नम कर दी।

नाटक में संगीत प्रद्युत चैटर्जी ने दिया, संचालन संदीप शर्मा ने किया। नाटक की प्रकाश व्यवस्था यामिनी शर्मा ने संभाली। नाट्य संयोजन डा. देशराज मीणा ने किया। पठानिया स्कूल के निदेशक अंशुल पठानिया, अविनाश सैनी, तन्वी पठानिया, संपूर्ण बागड़ी, सर्वजीत अहलूवालिया, गुलाब सिंह खांडेवाल, एडवोकेट दीपक भारद्वाज, हरीश वशिष्ठ, विकास रोहिल्ला, सुजाता रोहिल्ला, डा सुरेंद्र शर्मा, अंजवी हुड्डा

तनाव प्रबंधन का रास्ता प्रशस्त हो : सुनित मुखर्जी

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी ने कहा कि नाटक ने वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर सार्थक संदेश दिया। सप्तक संस्थान के अध्यक्ष विश्वदीप त्रिखा ने कहा कि वर्ष 2021 में संस्थान की ओर से प्रत्येक रविवार को नाटकों का आयोजन किया जाएगा।

उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला को हरियाणा में लाने की मांग

जागरण संवाददाता, रोहतक :

हरियाणा के अनेक लोक कलाकार नव नियुक्त ओएसडी गजेन्द्र फौगाट से मिले व उनसे उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, पटियाला (एनजेडसीसी) को पंजाब से उठाकर हरियाणा में लाने की मांग की। साथ ही उनका ओएसडी बनने पर स्वागत किया। पंडित श्रीराम रंगशाला स्थित हरियाणा कला परिषद के कार्यालय में मुलाकात कर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त किया। कलाकारों द्वारा हस्ताक्षरित एक ज्ञापन भी सौंपा गया। इसमें पिछले 35 सालों से उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, पटियाला के मुख्यालय को हरियाणा में स्थानांतरित करने बारे मांग की गई।

लोक कलाकारों ने मांग की कि इस सांस्कृतिक केंद्र के सभी राज्यों में एक-एक सब सेंटर भी खोले जाने चाहिए, क्योंकि वहां पर केवल पंजाब के ही कलाकारों को फायदा हो रहा है। अन्य सभी राज्यों खासकर हरियाणा के कलाकारों के साथ वहां भेदभाव बरता जाता है।

गजेन्द्र फौगाट ने कहा कि एनजेडसीसी के मुख्यालय को हरियाणा में स्थानांतरित करने की कलाकारों की मांग को वे मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे व उनके माध्यम से देश के केंद्रीय संस्कृति मंत्री तक कलाकारों की आवाज व मांग पहुंचाने का अनुरोध करेंगे।

इस अवसर पर हिसार से सतबीर जोगी, करनाल से रविदत्त, जींद से राजा सांगी, भिवानी से सुशील कुमार व महादेव, झज्जर से मुकेश,सोनीपत से विशेष भंडेरी, नरेन सांगी, तकदीर सांगी, रोहतक से प्रदीप, शीशपाल, राहुल और नरेश व अन्य कलाकार उपस्थित रहे।


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