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भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष अनिल नांदल को नींद से जगा हिरासत में लिया

किसान आंदोलन को लेकर पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 08:11 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 08:11 AM (IST)
भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष अनिल नांदल को नींद से जगा हिरासत में लिया
भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष अनिल नांदल को नींद से जगा हिरासत में लिया

जागरण संवाददाता, रोहतक : दिल्ली में 26 नवंबर को किसान आंदोलन को लेकर पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान को मंगलवार सुबह उनके निवास से पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। प्रदेशाध्यक्ष का आरोप है कि पुलिस कर्मी सादी वर्दी में हथियारों से लैस होकर उनके आवास पर पहुंचे और अपराधियों की तरह उनको हिरासत में लिया। पुलिस कार्रवाई की उनके सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। विभिन्न संगठनों ने उनकी गिरफ्तारी को लेकर कड़े शब्दों में निदा की है।

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अनिल नांदल ने बताया कि अपराध जांच शाखा के सदस्य सादी वर्दी में मंगलवार सुबह करीब छह बजे उनके आवास पर पहुंचे। वे परिवार के साथ घर में सो रहे थे। पुलिस ने उसे नींद में ही हिरासत में लिया और अर्बन इस्टेट थाने ले गए। थाने की लॉकअप में उनको बंद कर दिया। पुलिस कार्रवाई की सारी घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई।

भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान ने सरकार को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा की सरकार इस तरह के हथकंडे अपनाकर आंदोलनों को दबा नहीं सकती। सरकार को इन तीनों अध्यादेशों, जो किसान मजदूर और कर्मचारियों के लिए काले कानून के रूप में है। इनको समाप्त करना होगा। अनिल नांदल ने किसान मजदूर व कर्मचारियों से आह्वान किया कि ऐसी हालात में आंदोलन कमजोर नहीं होना चाहिए। उन्होंने किसानों से आह्वान करते हुए कहा कि 26 तारीख को सुबह 11 बजे बजे कुंडली बॉर्डर पहुंचकर सरकार को यह बताने का काम करें कि किसान, मजदूर व कर्मचारी ऐसे हथकंडे से दबने वाले नहीं है।

जयपुर में बेटे का होना है पेपर : बल्लू प्रधान

अनिल उर्फ बल्लू प्रधान ने कहा कि दिल्ली पुलिस की जयुपर में बेटे का 27 नवंबर को पेपर होना है। बेटे से पेपर के बारे में बातचीत भी नहीं करने दी। उन्होंने कहा कि पुलिस की रवैया बिल्कुल ठीक नहीं रहा। घर में इस तरह से दबिश देना सही नहीं है। पुलिस उनको सूचना भी दे सकती थी। उनके पास यूनियन का प्रदेश अध्यक्ष का पद है। लॉकअप में बंद किया गया। सुबह से लेकर दोपहर तक खाने-पीने तक भी कुछ नहीं दिया। किसान चैन से नहीं बैठेंगे और सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करेंगे।


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