भाली के किसान नवीन अपना रहे मल्टीलेयर खेती, दूसरों को भी कर रहे प्रेरित
इस पद्धति से कम समय में फसलों में होगी ज्यादा पैदावार
जागरण संवाददाता, रोहतक: गांव भाली के किसान नवीन को खेती में कुछ नया करने का जुनून सवार हुआ तो मल्टीलेयर खेती को अपनाने लगे। नवीन खेतों में मल्टीलेयर खेती पद्धति के तहत एक समय में एक खेत में पांच तरह की सब्जियां व फसल उगा रहे हैं। मुख्यमंत्री भी इस तकनीक की प्रशंसा कर चुके हैं और नवीन की तर्ज पर दूसरे किसानों को इस खेती के लिए प्रोत्साहित करने की अपील कर चुके हैं।
किसान नवीन भाली मुरादपुर टेकना में किसानों को बम्बू फार्मिंग, खाद तैयार करने के बारे में जानकारी देते हैं। प्रशिक्षण के माध्यम से इस खेती से कमाई अधिक कैसे हो, इसको लेकर प्रशिक्षण दिया। इनका सहयोग करते हैं संजय मलिक, जोकि पौधे लगाने व उनकी देखभाल करने की जानकारी देते हैं। फिलहाल इनके पास किसान संजय, सचिन, जयसिंह, सतीश, सुरेंद्र, सोमबीर सहित अन्य ने जैविक मल्टीलेयर खेती के बारे में जानकारी हासिल कर चुके हैं। एक खेत को पांच भागों में विभाजित करके पद्धति को अपनाते हैं:
नवीन के मुताबिक खेती को मुनाफे का व्यवसाय बनाने के लिए किसानों को मल्टीलेयर खेती पद्धति को अपनाना होगा। इस पद्धति से किसान कम समय में ज्यादा पैदावार से अधिक धन कमा सकता है। इस पद्धति के तहत एक खेत को पांच भागों में विभाजित कर इस पर पांच लेयर की खेती की जा सकती है। खेत के चारों तरफ चकोर मेड पर फलदार पेड़ लगाकर उनसे 10 फुट की दूरी पर उनसे छोटे पौधे लगाए जा सकते हैं। इसके अलावा बीच-बीच में भी धनिया व पालक उगाकर उस स्थान का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा जमीन के नीचे अदरक, हल्दी व अन्य फसल का उत्पादन लिया जा सकता है, जो तीन से चार महीने बाद जमीन से ऊपर आती हैं, जब तक धनिया व पालक की फसल तैयार होकर बिक्री के लिए चली जाती है। इस पद्धति से केवल तीन प्रतिशत पानी की खपत होती है, बाकी 97 प्रतिशत पानी बच जाता है। इसके अलावा बारिश के दिनों में खेत का पानी खेत में ही रखने के लिए यह तकनीक रामबाण है। उपायुक्त भी किसान नवीन से प्रभावित:
उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार भी किसान नवीन की मेहनत और नई सोच से प्रभावित हैं। उन्होंने जिले के किसानों का आह्वान किया है कि वे अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए मल्टीलेयर खेती की पद्धति को अपनाए। मल्टीलेयर खेती पद्धति में किसान एक खेत में एक समय में पांच अलग-अलग तरह की फल-सब्जियों का उत्पादन ले सकता है। इस पद्धति में खेती की लागत व पानी की खपत कम होती है और मुनाफा कई गुणा तक बढ़ जाता है। नवीन की पहल को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री भी चाहते है कि किसान इस पद्धति को अपनाकर समृद्ध बनें। इससे आमदनी भी बढ़ेगी। किसान खुद समृद्ध होंगे।