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कृषि अध्यादेशों की लड़ाई किसान और आढ़ती नहीं बल्कि व्यापारी की भी : बख्शी

केंद्र सरकार की ओर से लागू किए तीन अध्यादेशों की वापसी के मामले में शुक्रवार को व्यापारी संगठनों ने आढ़तियों और भारतीय किसान यूनियन अंबावता को अपना समर्थन दिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 09:15 AM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 09:15 AM (IST)
कृषि अध्यादेशों की लड़ाई किसान और आढ़ती नहीं बल्कि व्यापारी की भी : बख्शी
कृषि अध्यादेशों की लड़ाई किसान और आढ़ती नहीं बल्कि व्यापारी की भी : बख्शी

जागरण संवाददाता, रोहतक : केंद्र सरकार की ओर से लागू किए तीन अध्यादेशों की वापसी के मामले में शुक्रवार को व्यापारी संगठनों ने आढ़तियों और भारतीय किसान यूनियन अंबावता को अपना समर्थन दिया। रोहतक ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हेमंत बख्शी अपने समर्थकों के साथ नई अनाज मंडी पहुंचे और इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे किसानों व आढ़तियों को व्यापारी वर्ग का समर्थन किया। बख्शी ने कहा कि यह लड़ाई केवल किसान और आढ़ती की नहीं है बल्कि यह व्यापारी वर्ग की भी लड़ाई है। बख्शी ने कहा कि किसी भी शहर, प्रदेश या फिर देश का व्यापार उस राज्य में होने वाली पैदावार पर निर्भर करता है, ऐसे में अगर किसान पर कोई कष्ट आता है तो इस घड़ी में व्यापारी उसके साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है। वहीं, भाकियू अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान ने कहा कि सरकार को आम जनता के हित के लिए कानून बनाने चाहिए न कि पूंजीपतियों के हित के लिए। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में किसान, आढ़ती व व्यापारी साथ-साथ हैं। इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।

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