लगभग 3000 हजार साल पहले बसा था बहलबा गांव
क्षेत्र का बहलबा गांव अब से लगभग तीन हजार वर्ष पहले बसाया गया था। यह गांव आपसी भाईचारे की मिसाल पेश कर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि बुजुर्गों के अनुसार इस गांव में सबसे पहले पंवार गौत्र के राजपूत व अनुसूचित जाति के लांग्याण बौथ व बोडा गौत्र के लोग आए थे।
संवाद सहयोगी, महम : क्षेत्र का बहलबा गांव अब से लगभग तीन हजार वर्ष पहले बसाया गया था। यह गांव आपसी भाईचारे की मिसाल पेश कर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि बुजुर्गों के अनुसार इस गांव में सबसे पहले पंवार गौत्र के राजपूत व अनुसूचित जाति के लांग्याण, बौथ व बोडा गौत्र के लोग आए थे। उन्होंने इस गांव को बसाया था। गांव के रिटायर्ड अध्यापक रामफल राठी व भीम सिंह तपा प्रधान ने बताया कि उसके बाद बाजा राम व ठुकरा राठी बहलबा गांव की ऊंची चौपाल के पास आकर रहने लगे थे। जिसके बाद पंवार गौत्र के बहुत से लोग बहलबा से खरक व कलंगा गांव में भी जाकर रहने लगे। गांव के महेंद्र पंवार ने बताया कि उनके गौत्र के लगभग 500 घर बहलबा में अब भी बसे हुए हैं। गांव बहलबा में कई गौत्रों एवं समुदायों के लोग रहते हैं। लेकिन फिर भी गांव का भाईचारा बहुत मजबूत है। गांव में चार पाने हैं। इन पानों में बाजाण पाना, बहलबा बुचाण, बहलबा पानडी व बहलबा पाना खास शामिल हैं। सभी पानों की पंचायतें भी अलग-अलग हैं।
गांव की चारों पंचायतों में सामूहिक कार्य अच्छे स्तर पर हुए हैं। गांव के निवर्तमान सरपंच मनोज कुमार ने बताया कि गांव में पुराने समय के बाबा ख्याली नाथ, मन्नी वाला, शर्जा वाला, समाध वाला, संत रविदास व हरि डौभा वाला मंदिर स्थित हैं। गांव में दो राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, तीन प्राथमिक विद्यालय हैं। अनेक चौपाल, दो जलघर, लगभग एक दर्जन तालाब हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के स्वतंत्रता सेनानियों में कांशी राम, नादरमल व सुबा सिंह हुए हैं। जबकि शहीदों में राजबीर राठी, सुमेर सिंह, कुलदीप राठी, अमीर सिंह, राजकुमार व संदीप कुमार के नाम शामिल हैं। उजाला बने थे सबसे पहले सेना में कर्नल :
ग्रामीणों के अनुसार गांव में कर्नल उजाला सबसे पहले सेना में कर्नल बने थे। उनके बाद कर्नल सुबे सिंह, लैफ्टिनेंट अमित अहलावत, कमीश्नर विजय शर्मा व सतबीर सिंह कार्यरत हैं। खेलों में इस गांव के खिलाड़ी कई सालों तक स्टेट चैम्पियन रहे हैं। साईकलिग में राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी अमित भी शामिल है। गांव की सभी पंचायतों की गलियां पक्की हैं। गांव को महाग्राम के लिए चुना गया है। आने वाले समय में सरकार की ओर से यहां शहरों जैसी सुविधाऐं दी जाएंगी।