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74 दिन बाद माड्यूलर काम्प्लेक्स में एक भी कोविड पेशेंट नहीं, ओटी शुरू करने की तैयारी

पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के माड्यूलर आइसीयू कम ओटी काम्प्लेक्स में शनिवार को एक भी कोविड पेशेंट नहीं रहा। काम्पलेक्स में एक भी मरीज नहीं होने पर चिकित्सकों नर्सिंग व अन्य स्टाफ ने खुशी जाहिर करते हुए एक-दूसरे को बधाई दी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 09:44 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 09:44 AM (IST)
74 दिन बाद माड्यूलर काम्प्लेक्स में एक भी कोविड पेशेंट नहीं, ओटी शुरू करने की तैयारी
74 दिन बाद माड्यूलर काम्प्लेक्स में एक भी कोविड पेशेंट नहीं, ओटी शुरू करने की तैयारी

केएस मोबिन, रोहतक :

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पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के माड्यूलर आइसीयू कम ओटी काम्प्लेक्स में शनिवार को एक भी कोविड पेशेंट नहीं रहा। काम्पलेक्स में एक भी मरीज नहीं होने पर चिकित्सकों, नर्सिंग व अन्य स्टाफ ने खुशी जाहिर करते हुए एक-दूसरे को बधाई दी। कोविड-19 की दूसरी लहर में संक्रमितों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ने पर आपात स्थिति में माड्यूलर काम्प्लेक्स को कोविड अस्पताल बना दिया गया था। दो माह 14 दिन (कुल 74 दिन) बाद माड्यूलर काम्प्लेक्स में एक भी कोरेाना संक्रमित मरीज भर्ती नहीं है। 14 जनू से काम्प्लेक्स के आपरेशन थियेटर (ओटी) को शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसके बाद बंद पड़ी इलेक्टिव सर्जरी के लिए भी राह खुलने के आसार हैं।

माड्यूलर काम्प्लेक्स के तीन फ्लोर्स को कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए रिजर्व किया गया था। 31 मार्च को काम्प्लेक्स के पहले फ्लोर और 24 अप्रैल को तीसरे व चौथे फ्लोर पर कोरोना संक्रमित मरीजों को शिफ्ट किया गया। फ‌र्स्ट फ्लोर पर संक्रमितों के लिए 34 आइसीयू बेड, तीसरे और चौथे फ्लोर पर 16-16 कोविड बेड की सुविधा दी गई। दूसरे फ्लोर को आफिशियल कामकाज के लिए इस्तेमाल किया गया। मरीजों की सेवा के लिए छह-छह घंटे की चार शिफ्ट में हेल्थ वर्कर ने ड्यूटी दी। प्रत्येक फ्लोर पर 16-16 नर्स हर वक्त ड्यूटी देती थी। इस दौरान करीब 20 जूनियर रेजिडेंट, कंसल्टेंट मौजूद रहते थे। विभागाध्यक्ष सुबह व शाम मरीजों की जांच के लिए पहुंचते थे। मरीजों को दवाई देने, बेड शीट बदलवाने, आक्सीजन आपूर्ति आदि की देखरेख नर्सिंग स्टाफ ने की। इसके अलावा तीनों फ्लोर पर चार नर्सिंग सिस्टर की ड्यूटी रोटेशन के अनुसार लगाई गई। स्टाफ को पीपीई किट, मरीजों के लिए सही डाइट उपलब्ध कराने, साफ-सफाई सुनिश्चित करने आदि की जिम्मेदारी नर्सिंग सिस्टर की रही। ट्रामा सेंटर में 56 संक्रमितों का चल रहा इलाज

पीजीआइएमएस के ट्रामा सेंटर में फिलहाल, 56 कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है। इनमें 17 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। कोविड-19 की पहली लहर के बाद दूसरी लहर में भी कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए ट्रामा सेंटर को कोविड अस्पताल घोषित किया गया थ। दूसरी लहर में मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ने पर माड्यूलर काम्प्लेक्स के साथ ही मनोविज्ञान विभाग की पुरानी इमारत, लाला श्यामलाल सुपरस्पेशियलिटी की इमारत को भी कोविड अस्पताल बना दिया गया था। लगातार मौतों से दुखी हो गया था मन

माड्यूलर काम्प्लेक्स में नर्सिंग सिस्टर सरोज ने बताया कि दूसरी लहर में लगातार हो रही मौत से मन दुखी हो गया था। ऐसा लग रहा था कि यह सिलसिला नहीं थमेगा। अब राहत मिली है। यहां तैनात स्टाफ नर्स सोनिया ने बताया कि हमारे सामने मरीज दम तोड़ रहे थे। रोजाना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही थी। कई बार खुद को असहाय भी महसूस किया। काम्प्लेक्स में एक भी मरीज नहीं है, ऐसे में कुछ सहकर्मी तो भावुक भी हो गए।

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एक समय ऐसा भी था जब माड्यूलर काम्प्लेक्स में नए मरीजों के भर्ती करने के लिए बेड की कमी होने लगी थी। हमारे स्टाफ ने जोखिम भरे माहौल में भी निस्वार्थ सेवा की। यही स्थिति थोड़ी संभली है। मास्क व शारीरिक दूरी के नियम की पहले की तरह सख्ती से पालना करनी होगी। वैक्सीनेशन के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। हमें अपने चिकित्सकों, नर्सिंग व अन्य स्टाफ पर गर्व है। किसी भी आपात स्थिति के लिए हम सभी अहम तैयारियां कर रहे हैं।

- डा. एसके सिघल, एचओडी एनेस्थिसिया एवं कोविड-19 नोडल अधिकारी, पीजीआइएमएस रोहतक।


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