सुनील हत्याकांड के दो आरोपित सबूतों के अभाव में बरी
वर्ष 2017 में सांपला में हुए सुनील हत्याकांड के मामले में सेशन जज एएस नारंग की कोर्ट ने दो आरोपितों को बरी कर दिया है।
जागरण संवाददाता, रोहतक : वर्ष 2017 में सांपला में हुए सुनील हत्याकांड के मामले में सेशन जज एएस नारंग की कोर्ट ने दो आरोपितों को बरी कर दिया है। आरोपितों के खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिल सके।
मामले के अनुसार 1 अक्टूबर 2017 में झज्जर जिले के जसौरखेड़ी गांव निवासी श्रीभगवान ने सांपला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि उसका छोटा भाई सुनील आसौदा रोड स्थित गैस प्लांट में नौकरी करता था। ड्यूटी खत्म करने के बाद वह सांपला पावर हाउस के सामने ऑटो डेकोरेशन के सामान की दुकान भी चलाता था। जो कई-कई दिनों में घर आता था। सूचना मिली कि सुनील का शव दुकान के अंदर खून से लथपथ हालत में पड़ा है। जिसकी सिर पर चोट मारकर और बिजली के तार से गला घोंटकर हत्या की गई थी। जांच के दौरान इस मामले में पुलिस ने जसौरखेड़ी गांव निवासी आरोपित नवीन और यूपी के हरदोई जिले के पांडेपुरवा गांव निवासी पवन को गिरफ्तार किया। पुलिस ने मामले का पर्दाफाश करते हुए बताया था कि आरोपित नवीन की पत्नी सुनील के संपर्क में थी, जिस वजह से हत्याकांड को अंजाम दिया गया। यह मामला तभी से कोर्ट में चल रहा था।
यह दलील बनी आधार
वीरवार को सेशन जज एएस नारंग की कोर्ट में सुनवाई हुई। आरोपित नवीन की तरफ से अधिवक्ता गौरव खुराना और आरोपित पवन की तरफ से अधिवक्ता अनिल बल्हारा ने दलील दी। अधिवक्ता गौरव खुराना ने बताया कि पुलिस ने रॉड की बरामदगी दिखाई थी, लेकिन उसे जांच के लिए एफएसएल में नहीं भेजा गया। केवल बरामदगी तक ही सीमित रह गई। इसके अलावा पुलिस ने करीब आठ माह बाद दुकान के शटर की चाबी की बरामदगी भी दिखाई थी। लेकिन पुलिस यह साबित नहीं कर सकी कि जिस समय सुनील का शव मिला दुकान का शटर खुला था या फिर बंद। इसके अलावा भी कई अन्य तथ्यों को देखते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।