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मोटरसाइकिल डीलरशिप के नाम 1.80 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप

दोपहिया मोटरसाइकिल एजेंसी के नाम पर एक करोड़ 80 लाख रुपऐ की धोखाधड़ी किए जाने का मामला सामने आया है। डीलर संचालक ने कंपनी के कई पदाधिकारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कराया है। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 06:58 AM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 06:58 AM (IST)
मोटरसाइकिल डीलरशिप  के नाम 1.80 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप
मोटरसाइकिल डीलरशिप के नाम 1.80 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप

जागरण संवाददाता, रोहतक : दोपहिया मोटरसाइकिल एजेंसी के नाम पर एक करोड़ 80 लाख रुपऐ की धोखाधड़ी किए जाने का मामला सामने आया है। डीलर संचालक ने कंपनी के कई पदाधिकारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कराया है। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक भरत कालोनी निवासी अर्जुन हुड्डा पुत्र जसपाल सिंह ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ 2016-17 में प्रगति मैदान आटो एक्सो प्रदर्शनी देखने गया थ। वहां यूएम लोहिया दोपहिया कंपनी का स्टॉल देखा तो वह काफी प्रभावित हो गया। मोटरसाइकिल इंटरनेशनल ब्रांड जैसी दिख रही थी। उसने इसकी रोहतक में डीलरशिप लेने का निर्णय लिया। कंपनी के अधिकारियों से बातचीत की तो उन्होंने रोहतक विजिट करने की बात कही। जुलाई 2017 में एक कंपनी से एक अधिकारी रोहतक आया और साइट विजिट की और डीलरशिप की औपचारिकताएं पूरी करने को बोला गया। उसने कंपनी के साथ एक एग्रीमेंट भी किया और सिक्योरिटी राशि के तौश्र पर ढाई लाख रुपए नोएडा स्थित कंपनी के खाते में स्थानांतरित कर दिए। इसके बाद उसने शोरूम बनाया और करीब दो-दो लाख रुपऐ कीमत की 15 मोटरसाइकिल मंगवाई। मोटरसाइकिल के करीब 30 लाख रुपऐ कंपनी के खाते में स्थानांतरित कर दिए। इस तरह सभी मोटरसाइकिल बेच दी। बाद में ग्राहकों की मोटरसाइकिल को लेकर शिकायतें आना शुरू हो गई। नोएडा कार्यालय में संपर्क किया और शिकायतों बारे अवगत कराया। उन्होंने आश्वासन दिया कि बिना पैसे ही खराबी ठीक कर देंगे। लेकिन इसके बाद ज्यादा शिकायतें आना शुरू हो गई। बाद में कंपनी ने सर्विस स्टेश्ना की सेवा और स्पेयर पा‌र्ट्स देने भी बंद कर दिए। बाद में पता चला कि कंपनी ने उसके साथ धोखाधड़ी की है। नोएडा से कार्यालय भी बदल लिया गया। शोरूम खोलने व कर्मचारियों को वेतन देने में करीब एक करोड़ 80 लाख रुपए खर्च हो गए। इस मामले में कंपनी के डायरेक्टर आयूष कुमार, विजय कुमार, सुरेंद्र सेट्ठी, चीफ फाइनेंस आफिसर कैमिलो विलेगास, जोशे मिगवेल, विनय कुमार, राजीव मिश्रा पर मिलीभगत के आरोप लगाते हुए सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज की गई। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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