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ऑस्ट्रेलिया में भी हुई कोरड़ों की बौछार

फाग होली इन सब का नाम आते ही आंखों के आगे रंग और कोरड़े आ जाते हैं। हमारे तीज त्योहारों का रंग भले ही हरियाणा में फीका पड़ रहा हो लेकिन विदेशों में बसे हरियाणवी परिवार अपनी संस्कृति को संजोए रखने के लिए प्रयासों में लगे हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 08:40 AM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 08:40 AM (IST)
ऑस्ट्रेलिया में भी हुई कोरड़ों की बौछार

जागरण संवाददाता, रोहतक : फाग, ढुलेंडी, होली इन सब का नाम आते ही आंखों के आगे रंग और कोरड़े आ जाते हैं। हमारे तीज त्योहारों का रंग भले ही हरियाणा में फीका पड़ रहा हो, लेकिन विदेशों में बसे हरियाणवी परिवार अपनी संस्कृति को संजोए रखने के लिए प्रयासों में लगे हुए हैं। एसोसिएशन आफ हरियाणवीज इन ऑस्ट्रेलिया (एएचए) की ओर से ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न शहरों में हरियाणवी फाग मेले का आयोजन किया गया। सिडनी, एडिलेड एवं मेलबर्न में आयोजित इस मेलों में बड़ी संख्या में हरियाणवी परिवारों के साथ भारत के अन्य प्रांतों के लोग भी मौजूद थे। फाग खेल रहे लोगों की मानें तो रंग और गुलाल की बौछारों से पूरा वातावरण होली-फाग के त्योहार की खुशी में सराबोर हो गया। इस मौके पर देवर भाभी के बीच कोरड़ों व पानी डालने का खेल विशेष आकर्षण रहा। जहां एक तरफ देवर अपनी भाभियों को चुनौती देते नजर आए, वहीं दूसरी तरफ भाभी कोरड़ों से उनकी चुनौतियों को नाकाम करने में लगी रही। छोटे बच्चों ने जोश और उमंग से लबालब इस माहौल का आनंद स्वजनों के साथ लिया। एएचए टीम के एडिलेड चैप्टर के अध्यक्ष अशोक कुंडू ने फोन पर बताया कि इस संस्था की स्थापना का मूल उद्देश्य यह है कि ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हरियाणवी समुदाय के सभी परिवारों को एक साथ जोड़ कर आगे बढ़ा जाए, जिससे कि हम अपनी संस्कृति, रीति रिवाज के विषय में आने वाली पीढि़यों को भी अवगत करा सकें।

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उपस्थित लोग हरियाणवी गानों और होली के गीतों के साथ-साथ ढोल की धुन पर भी झूमे। एएचए टीम के सदस्यों ने बताया कि होली-फाग हरियाणवीयों के सबसे प्रिय त्योहारों में से एक है। मेले के अंत में एएचए की ओर से सामूहिक रूप से भोजन भी कराया गया। मिलकर किया फाग मेले का आयोजन :

ऑस्ट्रेलिया में आयोजित इस फाग मेले के राष्ट्रीय संयोजक राजीव गुप्ता ने बताया कि इस मेले के आयोजन में रविद्र वर्मा, संजीव दलाल, सुनील अहलावत, पूनम सिंह, तरुणा सिंह, विजयपाल रेडू, सतीश खत्री, अमन बूरा, नवनीत, मंदीप सहारण, सचिन दूहन, प्रवीण चौधरी, प्रियंका गुप्ता, रविद्र घनघस, पंकज मित्तल, कपिल शर्मा, विभोर शर्मा, मनोज रूहिल व अजय ढूल, का सहयोग रहा। ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने गई निशा ने बताया कि इस प्रकार के आयोजन का हिस्सा बनकर विद्यार्थी भी बहुत खुश है। वहीं विद्यार्थी राहुल राणा ने बताया कि गांव जैसा माहौल देखकर पुरानी यादें ताजा हो गई।


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