दो सप्ताह पहले ही आरोपित महिला की भी हुई थी डिलीवरी
- बोली- 600 ग्राम का बेटा पैदा हुआ था दूध पिलाने के लिए आती थी पीजीआइ - चार वर्षों तक पीज
- बोली- 600 ग्राम का बेटा पैदा हुआ था, दूध पिलाने के लिए आती थी पीजीआइ
- चार वर्षों तक पीजीआइ में नर्स के तौर पर काम करने का दावा
- वर्ष 2017 में हुए बच्चा चोरी के मामले में भी आरोपित की मिलीभगत संभव
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पुनीत शर्मा, रोहतक
पीजीआइ से बच्ची चोरी करने की आरोपित महिला की भी दो सप्ताह पहले ही डिलीवरी हुई थी। बृहस्पतिवार को वह सिविल अस्पताल से पांच हजार रुपये की अनुदान राशि लेकर गई थी। पुलिस पूछताछ में आरोपित महक उर्फ ममता पत्नी दिनेश निवासी गांव राठधना सोनीपत ने पीजीआइ में स्टाफ नर्स के तौर पर काम करने का भी दावा किया है। वहीं पुलिस को शक है कि वर्ष 2017 में चोरी हुए बच्चे के मामले में भी उसकी मिलीभगत हो सकती है। फिलहाल पीजीआइ थाना पुलिस आरोपित महिला और उसकी सास से पूछताछ करने में जुटी है।
पुलिस के अनुसार महक उर्फ ममता की करीब दो सप्ताह पूर्व ही पीजीआइ में डिलीवरी हुई है। उसे बेटा हुआ था, जिसका वजन मात्र 600 ग्राम था। इस कारण वह उसे घर नहीं ले जा सकी थी और उसे दूध पिलाने के लिए पांच-छह दिनों में पीजीआइ जाती रहती है। महक ने दावा किया है कि वह वर्ष 2016 तक पीजीआइ में नर्स के तौर पर तैनात रही थी। बृहस्पतिवार को वह सिविल अस्पताल से अनुदान राशि लेकर गई थी। हालांकि पुलिस को आरोपित महक की बातों पर विश्वास नहीं है, क्योंकि सरकार द्वारा बेटी पैदा होने पर ही अनुदान राशि दी जाती है। मगर जब उसने सिविल अस्पताल से मिलने वाली राशि के साक्ष्य दिखाए तो सोनीपत पुलिस को इसका यकीन हुआ। 2017 बच्चा चोरी केस में भी संदिग्ध भूमिका
पुलिस ने आशंका जताई है कि आरोपित महिला वर्ष 2017 में हुए बच्चा चोरी के मामले में भी संलिप्त है। शुरुआती पूछताछ में आरोपित महिला ने इसे कबूल नहीं किया है, लेकिन तत्कालीन डीएसपी का दावा है कि महिला का उक्त केस से भी कोई न कोई संबंध अवश्य है। वहीं पीजीआइ सिक्योरिटी इंचार्ज का दावा है कि उक्त महिला को पहले कभी नहीं देखा गया है। आरोपित महिला के पति से भी की पूछताछ
आरोपित महिला का पति मजदूरी करता है। सोनीपत पुलिस ने ममता के पति दिनेश को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की थी, लेकिन बच्चा चोरी के मामले में उसकी कोई भूमिका सामने नहीं आई है। इस कारण पुलिस ने उसे छोड़ दिया। वर्जन--
आरोपित महिला ने चार वर्षों तक पीजीआइ में कार्य करने की बात कही है। साथ ही दो सप्ताह पूर्व डिलीवरी के साक्ष्य भी पेश किए हैं। बृहस्पतिवार को सिविल अस्पताल से महिला पांच हजार रुपये की अनुदान राशि भी लेकर पहुंची है। आगे की जांच पीजीआइ थाना पुलिस करेगी। दोनों को पुलिस के सुपुर्द कर दिया है।
डा. र¨वद्र, डीएसपी, सोनीपत।