प्लेसमेंट के नाम पर चल रही कंपनी, पीजीआइ में लगवाने के नाम पर 5-5 हजार ठगे
जागरण संवाददाता रोहतक दिल्ली रोड पर प्लेसमेंट के नाम पर एक कंपनी संचालित है। कंपनी न
जागरण संवाददाता, रोहतक : दिल्ली रोड पर प्लेसमेंट के नाम पर एक कंपनी संचालित है। कंपनी ने युवाओं को सरकारी या फिर गैर सरकारी संस्थान में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा चल रहा है। पिछले साल अगस्त में तमाम युवकों से रकम की वसूली की गई थी। युवकों को जब नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने पूरे मामले का भंडाफोड़ कर दिया है। फिलहाल युवकों की शिकायत पर जांच शुरू हो गई है। वहीं, युवकों ने दावा किया है कि उन्हें सोमवार तक का समय दिया गया है। निर्धारित अवधि के बाद पैसे वापस नहीं लौटाए तो कंपनी के कार्यालय में ही धरना शुरू कर देंगे।
चुलियाना निवासी राजीव और अमन के मुताबिक, सोनीपत स्टैंड के निकट संचालित कंपनी में बीते साल अगस्त में दस्तावेज जमा कराए थे। संबंधित कंपनी में गांव की ही एक महिला ने पहचान कराई थी। उस दौरान प्लेसमेंट कंपनी वालों ने दावा किया था कि वह बैंक, आइएमटी, पीजीआइ, संचार कंपनियों के टॉवर आदि विभागों व संस्थानों पर नौकरी दिलाते हैं। राजीव और अमन के अलावा चुलियाना निवासी राहुल से पीजीआइ में सिक्योरिटी में नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया गया। इसके एवज में पांच-पांच हजार रुपये वसूल लिए गए। उस दौरान आश्वासन दिया गया था कि महज एक-दो माह में नौकरी दिला दी जाएगी। लेकिन अभी तक नौकरी नहीं दिलाई। अब वसूल की गई रकम भी वापस नहीं की जा रही है। वहीं, चुलियाना की जिस महिला ने कंपनी में पहचान कराई थी, उन्होंने पुलिस में शिकायत की धमकी देकर पहले ही रकम वापस ले ली है। बाद में फिर से मांगे नौ-नौ हजार रुपये
पूरे मामले में पुलिस को शिकायत करने वाले आनंद कहते हैं कि मेरे दोस्तों से ठगी की गई। सिविल लाइन थाने में शिकायत की गई है। इनका दावा है कि पहले पांच-पांच हजार रुपये वसूल लिए। बाद में नौकरी लगने में देरी का कारण पूछा गया तो नौ-नौ हजार रुपये मांगे गए। यह भी कहा गया है कि अभी कार्य में देरी रुपये न देने के कारण हो रही है। ऐसे में संबंधित युवकों को शक हुआ। फिर रकम वापस लेने के लिए पहुंचे। लेकिन इस बार भी टरका दिया गया। पुलिस को शिकायत दी। हर दस्तावेज की 20-20 कॉपी और 15-15 फोटो लिए
राजीव 10वीं पास हैं। राहुल 12वीं कर चुके हैं। जबकि अमन 12वीं के साथ ही आइटीआइ भी कर चुके हैं। अमन के मुताबिक, पिछले साल अगस्त में नौकरी लगवाने के एवज में प्रत्येक दस्तावेज की 20-20 कॉपी ली गई थीं। ऐसे ही 15-15 फोटो भी लिए गए। दस्तावेज जमा कराने के बाद एक पर्ची भी दी जाती थी।