52 हजार खाली प्लाट ने बढ़ाई मुसीबत, सफाई व टैक्स ब्रांच में फंसा कार्रवाई का मामला
पहले खाली पड़े प्लाट में गंदगी के थे अंबार अब हादसों का अंदेशा
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- पहले खाली पड़े प्लाट में गंदगी के थे अंबार, अब हादसों का अंदेशा
- सफाई ब्रांच का दावा टैक्स ब्रांच ही कार्रवाई और निगरानी कर सकेगा
- टैक्स ब्रांच का कहना है कि हमने पहले दिए थे नोटिस, फिर होगी कार्रवाई
जागरण संवाददाता, रोहतक
शहरी क्षेत्र में करीब 52 हजार खाली प्लाट हैं। बरसाती सीजन शुरू होते ही खाली प्लाट दोहरी मुसीबत लेकर आए हैं। एक तो खाली पड़े प्लाट में पहले से ही गंदगी के अंबार थे। अब यहां जलभराव के साथ ही मच्छरों की समस्या बढ़ने का अंदेशा बन गया है। इसके साथ ही खाली प्लाट के सहारे बने मकानों को भी नुकसान हो सकता है। इसलिए खाली प्लाट के सहारे रहने वाले वालों की चिता बढ़ गई है। दूसरी ओर, खाली प्लाट पर कार्रवाई को लेकर टैक्स और सफाई ब्रांच एक दूसरे का जिम्मा बता रहे हैं।
नगर निगम प्रशासन ने साल 2010-2011 में प्रॉपर्टी टैक्स का सर्वे कराया था। शहरी क्षेत्र में उस दौरान करीब 1.82 लाख प्रॉपर्टी यूनिट पाईं गई थीं। इनमें से करीब 52 हजार खाली प्लाट बताए गए थे। पिछले साल दीपावली पर सभी खाली प्लाट मालिकों को नगर निगम प्रशासन ने नोटिस दिए थे। खाली प्लाट मालिक संचालकों को कहा गया था कि मुख्य सड़क के सहारे प्लाट है तो वह पार्किंग संचालित कर सकते हैं। जबकि दूसरे सभी खाली प्लाट मालिकों को सफाई कार्य कराने के साथ ही बाउंड्री कराने के सख्त निर्देश दिए गए थे। दीपावली का त्योहार खत्म होने के बाद ही मामला शांत हो गया। बरसाती सीजन से पहले भी निगम प्रशासन की तरफ से खाली प्लाट मालिकों पर कोई शिकंजा नहीं कसा गया। स्वच्छता अभियान के दौरान ही खाली प्लाट की सुध लेते हैं अधिकारी
स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान ही नगर निगम की टीमें खाली प्लाट की सुध लेते हैं। मुख्य मार्गों के सहारे, पार्कों और कालोनियों के निकट प्रमुख रास्तों वाले खाली प्लाट मालिकों को नोटिस दिए जाते हैं। दो साल से नगर निगम की सफाई ब्रांच इसी तरह से कार्रवाई कर रहा है। फिलहाल निगम प्रशासन की तरफ खाली प्लाट संचालकों पर कार्रवाई के बजाय पूरी तरह से राहत दे दी है। निगम के सूत्र कहते हैं कि खाली प्लाट संचालकों पर सख्ती से दिखाई जाए तो हालात सुधर सकते हैं। वर्जन
जिन लोगों के खाली प्लाट थे उन्हें दीपावली के दौरान नोटिस दिए गए थे। उन्हें पार्किंग संचालित करने के लिए भी कहा गया था। अब खाली प्लाट संचालकों के कारण परेशानी है तो मामले का संज्ञान लेंगे।
जगदीश चंद्र, क्षेत्रीय कराधान अधिकारी, नगर निगम
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खाली प्लाट संचालकों का ब्योरा टैक्स ब्रांच के पास होता है। इसलिए कार्रवाई से लेकर नोटिस संबंधित ब्रांच ही दे सकेगी।
सुंदर सिंह, सफाई निरीक्षक, सफाई ब्रांच