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श्रमिक की बेटी की शादी के लिए 51 हजार रुपये की कन्यादान राशि : डीसी

उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने कहा है कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार भवन एवं सन्निर्माण श्रमिकों को कई तरह की सुविधाएं प्रदान कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 06:16 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 06:16 PM (IST)
श्रमिक की बेटी की शादी के लिए 51 हजार रुपये की कन्यादान राशि : डीसी
श्रमिक की बेटी की शादी के लिए 51 हजार रुपये की कन्यादान राशि : डीसी

जागरण संवाददाता, रोहतक: उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने कहा है कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार भवन एवं सन्निर्माण श्रमिकों को कई तरह की सुविधाएं प्रदान कर रही है। श्रम कल्याण बोर्ड ने श्रमिकों की बेटी की शादी के लिए 51 हजार की राशि कन्या दान के रुप में प्रदान की जाती है। यह सुविधा श्रमिक की तीन बेटियों तक प्रदान की जा रही है।

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कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि मकान की खरीद व निर्माण के लिए दो लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण और मुख्यमंत्री सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत श्रमिक की मृत्यु पर पांच लाख रुपये की सहायता राशि भी दी जाती है। बोर्ड ने विधवा पेंशन के तहत 2000 प्रतिमाह, मातृत्व लाभ के लिए 36 हजार, पितृत्व लाभ के लिए 21 हजार रुपये, कामगारों को पांच वर्ष में एक बार नए औजारों की खरीद के लिए आठ हजार रुपये, पंजीकृत महिला कामगारों को उनकी सदस्यता के नवीनीकरण के समय साड़ी, सूट, चप्पल, रेनकोट, छाता, रबड़ मैट्रस, बर्तन व नैपकिन खरीदने के लिए 5100 रुपए दिए जाते हैं। इसी प्रकार कामगारों को साइकिल खरीदने के लिए तीन हजार रुपये की वित्तीय राशि एवं महिला श्रमिक को सिलाई मशीन दी जाती है। पंजीकृत कामगार व उसके परिवार के चार सदस्यों को चार वर्ष में एक बार धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण के लिए रेलवे की द्वितीय श्रेणी व साधारण रोडवेज बसों का किराया भी दिया जाता है। पंजीकृत कामगारों के जो बच्चे मेडिकल अथॉरिटी की तरफ से 50 प्रतिशत या इससे अधिक शारीरिक अथवा मानसिक रूप से अक्षम व दिव्यांग घोषित किए गए हैं, उन्हें दो हजार रुपये प्रति माह सहायता राशि दी जाती है। कार्यस्थल पर किसी दुर्घटना में स्थाई रूप से दिव्यांग होने पर पंजीकृत कामगार को दिव्यांग प्रतिशतता के आधार पर डेढ़ से तीन लाख रुपये तक की एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जाती है। किसी संक्रामक बीमारी या कार्यस्थल पर दुर्घटना के कारण दिव्यांग होने पर तीन हजार रुपये प्रति माह पेंशन देने का प्रावधान भी किया गया है।


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