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लापरवाही: 30 लोगों की जिंदगी में छाया अंधेरा, ऑपरेशन के बाद गई आंखों की रोशनी

हरियाणा के भिवानी के करीब 30 लोगों की आंखों की रोशनी ऑपरेशन के बाद चली गई। अब इन मरीजों को रोहतक पीजीआइ का भर्ती कराया गया है। आज इस पर बड़ा खुलासा हो सकता है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 11:41 AM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 06:27 PM (IST)
लापरवाही: 30 लोगों की जिंदगी में छाया अंधेरा, ऑपरेशन के बाद गई आंखों की रोशनी

रोहतक, जेएनएन। भिवानी के सरकारी अस्पताल में आंखों का निशुल्क ऑपरेशन कराने वाले करीब 300 मरीजों के सामने अंधेपन का खतरा पैदा हो गया है। पांच दिन में 400 से अधिक मरीजों की आंखों के ऑपरेशन किए गए थे। इनमें से करीब 30 मरीजों के आंखों में समस्‍या पैदा हो गई। 40 मरीज रोहतक पीजीआइएमएस में भर्ती किए गए हैं, जिनकी आंखों में पहले से ज्यादा दिक्कत पैदा हो गई है।

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मरीजों का आरोप है कि ऑपरेशन से पहले उनको एक्सपायरी इंजेक्शन या दवा दी गई। लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदार चिकित्सकों पर गाज गिर सकती है।  इस मामले में अाज पीजीआइ की ओर से बड़ा खुलासा किया जा सकता है। पीजीआइ पूरे मामले पर रिपाेर्ट दे सकता है।

जानकारी के अनुसार, भिवानी स्थित जालान सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में आंखों के ऑपरेशन किए जाते हैं। 11 मार्च से 15 मार्च के बीच करीब 400 मरीजों का ऑपरेशन किया गया। इनमें अधिकतर मरीजों को ऑपरेशन के बाद से परेशानी होनी शुरू हो गई। कई मरीजों को पहले से भी कम दिखने लगा तो कुछ की आंखों में जलन की समस्या खड़ी हो गई। पीजीआइ के नेत्र वार्ड में उनका दोबारा आपरेशन किया जा रहा है। बुधवार की रात भी पीजीआइ के नेत्र वार्ड में 40 से अधिक मरीज भर्ती थे।

रोहतक पीजीआइ में भर्ती दो मरीज।

मरीजों की जुबानी...

पीजीआइ में भर्ती चिड़ी गांव निवासी दर्शना ने बताया कि उन्होंने भिवानी स्थित सरकारी अस्पताल में 15 मार्च को ऑपरेशन कराया था, जिसके बाद से उनकी आंखों की रोशनी पहले से भी कम हो गई। भिवानी निवासी रामलखन का कहना थ कि 13 मार्च को ऑपरेशन कराने के बाद स्थिति काफी विकट हो गई थी। आंखों में जलन के साथ रोशनी भी लगातार गिरती जा रही थी।

उन्‍होंने बताया कि चिकित्सक से संपर्क किया तो उसने इंफेक्शन होने की बात कही जिसके बाद पीजीआइ में उपचार कराया गया। सरदारपुरा गांव निवासी करण सिंह ने बताया कि 14 मार्च को भिवानी स्थित सरकारी अस्पताल में आपरेशन कराया गया था। जिसके बाद भी पर्याप्त रोशनी नहीं आई। कई दिनों तक स्थिति सामान्य होने का इंतजार किया गया, लेकिन स्थिति और बिगड़ती चली गई, जिसके चलते बुधवार को पीजीआइ में भर्ती होना पड़ा।

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'' पीजीआइ में विभिन्न जिलों से ऐसे मरीज आएं हैं, जिन्होंने आंखों का ऑपरेशन कराया था, लेकिन पर्याप्त रोशनी नहीं आई है। मरीजों की आंखों में परेशानी का कारण क्या है, इसकी जांच की जा रही है। चिकित्सक द्वारा लापरवाही बरती गई या आपरेशन करने के उपकरण अच्छी क्वालिटी के नहीं थे यह कहना अभी मुश्किल है।

                                                                     - डाॅ. रोहताश यादव, निदेशक, पीजीआइएमएस, रोहतक।


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