टाइपिग स्पीड के बहाने निकाले 30 कम्प्यूटर आपरेटर, नौकरी पर रखने की मांग को लेकर धरना
कोरोना काल के दौरान से लगातार नौकरी से निकाले जाने के मामले थम नहीं रहे। लघु सचिवालय तहसीलों व एसडीएम कार्यालय में तैनात 30 कम्प्यूटर आपरेटरों की छुट्टी कर दी।
जागरण संवाददाता, रोहतक: कोरोना काल के दौरान से लगातार नौकरी से निकाले जाने के मामले थम नहीं रहे। लघु सचिवालय, तहसीलों व एसडीएम कार्यालय में तैनात 30 कम्प्यूटर आपरेटरों की छुट्टी कर दी। आपरेटरों ने दोबारा से नौकरी पर रखने की मांग करते हुए धरना शुरू कर दिया है। आंदोलन की चेतावनी देते हुए यह भी फैसला लिया है कि जल्द ही नौकरी पर वापस नहीं रखा गया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के मजबूर होंगे।
तहसीलों, लघु सचिवालय और एसडीएम कार्यालय में करीब 127 कम्प्यूटर आपरेटर थे। बताया गया है कि पिछले सप्ताह सभी कर्मचारियों का टेस्ट लिया गया। टेस्ट के दौरान पांच मिनट में 30 की स्पीड होना पहली शर्त थी। बताते हैं कि संबंधित कर्मचारियों की स्पीड पांच मिनट में 30 शब्द नहीं निकली। इसलिए इन आपरेटरों को हटा दिया गया। नौकरी से निकाले जाने के बाद गुस्साए आपरेटरों ने सोमवार को धरना शुरू कर दिया। लघु सचिवालय के निकट धरना देते हुए कर्मचारियों ने सुनील, अभिमन्यु, सतपाल, लाखनमाजरा, सतीश आदि ने बताया कि नौकरी पर नहीं रखा गया तो अनिश्चितकालीन धरना देंगे। आपरेटरों ने बताया कि अधिकारियों को अपनी समस्या बता चुके हैं। कोई 16 साल से तो कोई आठ-10 साल से नौकरी कर रहा है। अब नौकरी से निकाले जाने से आहत कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि हमारा रोजगार छीन गया, इसलिए जब तक दोबारा से नौकरी पर नहीं रखे जाएंगे तब तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा। ठेकेदार ने डेढ़ माह से मजदूरों को नहीं दिया वेतन, पुलिस में शिकायत
जागरण संवाददाता, रोहतक
एक ठेकेदार पर मजदूरों ने डेढ़ माह से वेतन न देने के आरोप लगाए हैं। ठेकेदार पर आरोप हैं कि वेतन की मांग करते हैं तो धमकी दी जाती हैं। पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक से शिकायत करते हुए वेतन दिलाने की मांग की है।
मजदूर अरविद, अनिल, प्रमोद, पवन कुमार, मनोज, जय प्रकाश, नरेंद्र कुमार ने बताया कि आरोप लगाया कि ठेकेदार ने मॉडल टाउन में कार्य कराया। जब हिसाब करने और वेतन की मांग की तो पहले तो आना-कानी करने लगा। कभी कहता है कि दिहाड़ी से उतने ही दूंगा जितने का कार्य किया है। बाद में मजदूरों ने कहा जितने रुपये देने हैं तो वह दे दें। इसके बाद तो ठेकेदार ने इन्कार कर दिया है कि कोई रकम नहीं देंगे। जब फोन किए गए तो धमकी तक देने लगा।