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युवा हो रहे हृदय रोगी, संभलने की जरूरत

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : हृदय रोग कभी अधेड़ और वृद्धों की बीमारी होती थी, लेकिन अब युव

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Sep 2017 03:42 PM (IST)Updated: Thu, 28 Sep 2017 03:42 PM (IST)
युवा हो रहे हृदय रोगी, संभलने की जरूरत
युवा हो रहे हृदय रोगी, संभलने की जरूरत

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : हृदय रोग कभी अधेड़ और वृद्धों की बीमारी होती थी, लेकिन अब युवा भी इसके शिकार हो रहे हैं। असंयमित जीवन शैली और खानपान में बदलाव के चलते साल दर साल युवाओं में हृदय रोग तेजी से बढ़ रहा है। भागदौड़ भरी जीवन शैली का सबसे ज्यादा खामियाजा दिल को भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में हमें हृदयाघात के संकेतों को पहचानना जरूरी है। विश्व हृदय दिवस के अवसर पर हृदय रोग से बचने के लिए कुछ सार्थक प्रयास करने का संकल्प लेना चाहिए।

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हर तीन वर्ष में दो गुणा बढ़ रहे हृदय रोगी:

हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों में हृदय रोग का बढ़ना ¨चता का विषय है। हर तीन वर्ष में ऐसे युवाओं की संख्या दो गुणा बढ़ रहा है। विभिन्न अध्ययनों के अनुसार करीब 70 फीसद लोग ऐसे हैं, जिनके हृदय रोग की गिरफ्त में जाने का खतरा मंडरा रहा है। इसका मुख्य कारण धूमपान, अत्यधिक तनाव, व्यायाम की कमी के साथ खानपान में लापरवाही प्रमुख हैं।

हृदयाघात के लक्षणों को पहचानना जरूरी:

- अचानक ठंडा पसीना आए या त्वचा चिपचिपा लेग तो तत्काल चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

- बिना व्यायाम या शारीरिक परिश्रम के किए बिना सामान्य से ज्यादा पसीना आए तो हलके में नहीं लेना चाहिए।

- हर समय थकान महसूस होना, घूमते समय, सीढि़यां चढ़ते समय या सामान उठाते समय जरूरत से ज्यादा थकान भी हृदय रोग का लक्षण बताया गया है।

युवाओं में याद्दाश्त की कमी होना, भ्रमित होना, छाती में बेचैनी, छाती में दर्द, एक बाहं या दोनों कंधों, गर्दन, जबड़ों या पेट में बेचैनी, दर्द होने पर लापरवाही नहीं बरतें, बल्कि चिकित्सक को दिखाएं।

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संतुलित खानपान और नियमित रूप से व्यायाम करने से हृदय रोग की समस्या से राहत मिल सकती है। सूखे मेवों में मेग्नीशियम, विटामिन ई, मोनोसेचुरेटड फैट, कॉपर आदि हृदय के लिए फायदेमंद होते हैं। इसी प्रकार सरसों का तेल का प्रयोग, चना, विटामीन सी से भरपूर आंवले का सेवन शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर बनाता है।

-डॉ. सुप्रतिक्ष यादव, हृदय रोग विशेषज्ञ, मेट्रो उमकल हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीट्यूट।

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एक व्यक्ति को हृदय रोग के कई कारण हो सकते हैं। हमारे पूर्वजों को भी हृदय रोग नहीं होता था। इसका कारण सरल और स्वस्थ जीवन शैली थी। हमने आज अपने जीवन शैली को जटिल बना दिया है और हमारे भोजन में मिलावट हृदय रोग की समस्या बढ़ाने के प्रमुख कारण हैं। इसके लिए तनाव से दूर रहने के लिए तनाव से दूर रहना चाहिए। इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से दिनचर्या अपनाना चाहिए।

-डॉ. संजीव गुप्ता, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ, विराट हॉस्पिटल रेवाड़ी।


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