मानव कल्याण की राह दिखाती है गीता: लक्ष्मण सिंह यादव
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि अर्थात तेरा कर्म करने में अधिकार है इनके फलों में नहीं तू कर्म के फल के प्रति असक्त न हो। बाल भवन में चल रहे गीता महोत्सव के दूसरे दिन की शुरुआत कुछ इसी संदेश के साथ हुई। कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि गीता हमें कर्म करते रहने का संदेश देती है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन, मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि, अर्थात तेरा कर्म करने में अधिकार है इनके फलों में नहीं, तू कर्म के फल के प्रति असक्त न हो। बाल भवन में चल रहे गीता महोत्सव के दूसरे दिन की शुरुआत कुछ इसी संदेश के साथ हुई। कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि गीता हमें कर्म करते रहने का संदेश देती है। अगर हमारे कर्म वास्तव में अच्छे होंगे तो निश्चित तौर पर फल मिलकर रहेगा।
विधायक लक्ष्मण सिंह यादव बतौर मुख्यातिथि गीतापुरम के रूप में सजाए गए पांडाल को देखकर गदगद हो उठे। गीतापुरम के मुख्य द्वार पर रथ पर सवार होकर विधायक यादव ने शंखनाद किया। उन्होंने श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता उपदेश पर आधारित सेल्फी प्वाइंट पर सेल्फी ली और प्रदर्शनी का अवलोकन किया। जिला प्रशासन की ओर से जिला परिषद सीईओ जयदीप कुमार, एसडीए बावल एसडीएम संजीव कुमार, एसडीएम कोसली होशियार सिंह व नगराधीश रोहित कुमार ने मुख्य अतिथि लक्ष्मण सिंह यादव को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान दिया। दुनिया कर रही है गीता का अनुसरण: विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने अपने संदेश में कहा कि गीता के विचारों की उत्पत्ति कुरुक्षेत्र से शुरू हुई है, जिसका आज पूरी दुनिया अनुसरण कर रही है। श्रीमद्भागवत गीता मानव जीवन को दिया एक ऐसा उपहार है, जो हमें सद्कर्मों की ओर प्रेरित करती है। हमें कल की चिता न करके वर्तमान में जीने का संकल्प लेना चाहिए, तभी हमारा जीवन सार्थक होगा। अच्छे समाज के निर्माण में गीता का अहम योगदान है। लक्षमण सिंह यादव ने उपस्थित श्रोताओं का आह्वान किया कि वह भगवान श्रीकृष्ण के संदेश को साकार करते हुए समाज व देश को विकास के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी अग्रणी बनाने का कार्य करें। कलाकारों ने बांधा समां: तीन दिवसीय गीता जयंती महोत्सव के दूसरे दिन सांस्कृतिक मंच पर विख्यात आर्टिस्ट प्रदीप जैलपुरिया और डा.ज्योत्सना ने मंच की गरिमा बनाए रखने में सराहनीय योगदान दिया। कार्यक्रम के पहले सत्र में आरपीएस स्कूल के विद्यार्थियों ने गीतासार नृत्य नाटिका और देश भक्ति समूहगान, गुरुकुल किशनगढ़ के योगार्थियों ने योग के विविध आयामों का शानदार प्रदर्शन किया। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पाल्हावास के विद्यार्थियों ने श्लोक उच्चारण किया। द्रोपदी विरह पर कलाकारों ने कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। सूचना ,जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के कलाकारों ने गीता उत्सव और देश भक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। प्रात:कालीन सत्र में भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रामसिंह छाबड़ी भी मौजूद रहे। डीआइपीआरओ दिनेश शर्मा, एपीआरओ सुरेश गुप्ता व डा. अश्विनी शर्मा ने सभी का आभार जताया। आइजी, डीसी, एसपी, एडीसी सहित अन्य अधिकारी पहुंचे महोत्सव में
गीता महोत्सव में दूसरे दिन गीतापुरम में पहुंच कर दक्षिण रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डा. एम रविकिरण, उपायुक्त यशेंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार, एडीसी आशिमा सांगवान व सीजेएम वर्षा जैन ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी स्टालों का अवलोकन करते हुए कहा कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से अमर शहीदों के गौरवमयी इतिहास को दर्शाया गया है, जो निश्चित तौर पर सराहनीय है। उन्होंने बताया कि इस बार प्रदर्शनी में सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हमारे स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित प्रदर्शनी भी लगाई गई। वहीं हरियाणा के गठन के बाद अब तक की विकास की कहानी को भी इस प्रदर्शनी के माध्यम से दिखाया गया। जीवन में उतारें गीता का संदेश: उपायुक्त यशेंद्र सिंह ने कहा कि हम सभी को गीता के संदेश को जानकर उसे अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने श्रीमद्भागवत गीता का कंठस्थ संवाद करने वाली जबलपुर निवासी सुरभि मुले को सम्मानित करते हुए गीता के प्रचार प्रसार की श्रृंखला को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। सुरभि मुले ने श्लोकों के माध्यम से बिखेरी भक्ति रस की छटा
गीता की संवाहक सुरभि मुले ने श्रीमद्भागवत के 11वें अध्याय का वाचन किया तो माहौल गीतामय हो गया। उन्होंने विश्व दर्शन के रूप में भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का वर्णन किया। अर्जुन और कृष्ण के बीच गीता उपदेश की सार्थकता पर संस्कृत में श्लोकों की प्रस्तुति देते हुए हिदी अनुवाद किया। उन्होंने श्लोकों के माध्यम से बताया कि जब भगवान श्री कृष्ण ने विराट रूप में दर्शन दिए, तब श्रीकृष्ण कहते हैं कि हे,अर्जुन मैं सम्पूर्ण लोक का कल्याण करने वाला हूं, मेरे लिए सदकर्म करने वाला ही मेरा कर्म परायण है, अत: उठो शत्रुओं का नाश करो और राज्य भोगो।