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दबंगों के आगे बाईपास से अतिक्रमण हटाने में प्रशासन फेल

दबंगों की दबंगई देखनी है तो शहर के मिनी बाईपास पर चले आइए। यहां आकर आपको अहसास हो जाएगा कि सड़कें और रास्ते भैंस बांधने और उपले सुखाने के लिए भी बनाए जाते हैं। बीते करीब चार सालों से बाईपास पर ऐसा ही कुछ हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Dec 2021 06:25 PM (IST)Updated: Sat, 11 Dec 2021 06:25 PM (IST)
दबंगों के आगे बाईपास से अतिक्रमण हटाने में प्रशासन फेल
दबंगों के आगे बाईपास से अतिक्रमण हटाने में प्रशासन फेल

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी:

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दबंगों की दबंगई देखनी है तो शहर के मिनी बाईपास पर चले आइए। यहां आकर आपको अहसास हो जाएगा कि सड़कें और रास्ते भैंस बांधने और उपले सुखाने के लिए भी बनाए जाते हैं। बीते करीब चार सालों से बाईपास पर ऐसा ही कुछ हो रहा है। आप हैरान हो सकते हैं कि इन दबंगों की दबंगई के आगे प्रशासन से लेकर नगर परिषद तक सभी फेल हैं। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सड़कों पर भैंस तो बांधी जा रही है, लेकिन आम आदमी को निकलने की कोई इजाजत नहीं है। हिम्मत भी नहीं है कि आप जहां पर भैंस बंधी है वहां से निकल सकें। क्योंकि अगर ऐसा किया तो इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।

वन-वे किया ट्रैफिक, लेकिन बाईपास तो खुलवाया ही नहीं

शहर की सूरत और सीरत बदलने वाले एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर अधिकारियों की लापरवाही किस तरह से पानी फेरती है, इसे असानी से मिनी बाईपास पर आकर देखा जा सकता है। शहर के बरसाती पानी को निकालने वाले नाले के साथ-साथ नगर परिषद की ओर से सड़क निर्माण किया गया है। इसे मिनी बाईपास का नाम इसलिए दिया गया। क्योंकि यह सड़क एक छोर से दूसरे छोर तक जाती है। इस सड़क से अगर आप निकलते हैं तो शहर के बीच के ट्रैफिक में फंसने की जरूरत ही नहीं रहती। करीब 20 करोड़ से पूरा हुआ यह प्रोजेक्ट अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ रहा है। अतिक्रमणकारियों ने शहर के इस मिनी बाईपास पर पूरी तरह से कब्जा जमाया हुआ है। इस पर अवैध कब्जे का मामला नगर परिषद हाउस की बैठक में भी उठ चुका है, लेकिन नप अधिकारी न जानें किस डर या लालच से चुप्पी साधे बैठे हैं।

प्रशासन की ओर से सरकुलर रोड पर ट्रैफिक को वन-वे कर दिया गया है, जिसके चलते बाईपास पर वाहनों का दबाव बढ़ गया है, लेकिन बाईपास की एक लेन तो अतिक्रमण के कारण पूरी तरह से बंद ही है।

बीच सड़क पर बांधते हैं भैंस

यहां पर कुछ दबंग लोगों की हिम्मत इतनी ज्यादा है कि वह कृष्णा नगर के बीच से गुजर रही सड़क पर ही भैंस बांधते हैं। इतना ही नहीं पशुओं के गोबर से बने उपले भी यहां सूखते रहते हैं। कुछ साल पूर्व यहां अतिक्रमण हटाने के लिए तत्कालीन ईओ विजयपाल ने कार्रवाई की थी और उस समय 10 से 15 फीट तक पक्के निर्माण तोड़े गए थे। अब निर्माण भी दोबारा कर लिए गए हैं। सरकारी सड़क पर कब्जा है, लेकिन बोलने वाला कोई नहीं हैं। लाखों की लाइटें भी नहीं आ रहीं काम: मिनी बाईपास न तो अतिक्रमण मुक्त हुआ है और न ही सड़क का अधूरा काम पूरा किया गया है। अब यहां पर लाखों रुपये की लाइटें और लगा दी गई हैं। इन लाइटों का काम भी अधूरा पड़ा हुआ है। कहीं पर लाइटें जल रही हैं और कहीं पर नहीं। यानी सब कुछ धांधली की ही भेंट चढ़ रहा है। बाजार में रोज जाती है टीम: अतिक्रमण हटाने के लिए नगर परिषद की टीम बाजारों में तो रोजाना चक्कर लगा रही है, लेकिन बाईपास के अतिक्रमण पर किसी की निगाह ही नहीं है। ऐसा भी कह सकते हैं कि जानबूझकर आंख मूंद रखी है। यहां का अतिक्रमण नहीं हटाना भी कई बड़े सवाल खड़े कर रहा है। मिनी बाईपास पर अतिक्रमण हटाने को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई इसकी भी रिपोर्ट ली जाएगी। हम शीघ्र ही अतिक्रमण को हटवा देंगे और जो लोग नहीं मानेंगे उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

-पूनम यादव, चेयरपर्सन नगर परिषद


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