यूं ही चलता रहा तो न जाने कब पूरा होगा डबल फाटक अंडपास का काम
उपायुक्त खुद अंडरपास का निरीक्षण करके अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दे चुके हैं कि ठेकेदार अगर समय पर काम पूरा न करे तो उसपर कार्रवाई की जाए।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: अब सिर्फ 23 दिन बचे हैं डबल फाटक अंडरपास का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए, लेकिन जिस गति से काम चल रहा है उससे यह कतई नहीं लगता कि निर्धारित समयावधि में निर्माण कार्य पूरा हो सकेगा। यह हालात तो तब हैं जब उपायुक्त खुद अंडरपास का निरीक्षण करके अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दे चुके हैं कि ठेकेदार अगर समय पर काम पूरा न करे तो उसपर कार्रवाई की जाए। ठेकेदार की लेटलतीफी के चलते हजारों लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। इतना ही नहीं डबल फाटक के आसपास के दुकानदार तो पूरी तरह से बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं।
लोकनिर्माण विभाग का ही बचा हुआ है काम
डबल फाटक अंडरपास का शिलान्यास करीब ढाई वर्ष पूर्व दिसंबर 2018 में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने किया था। फाटक के दूसरी ओर दो दर्जन से अधिक कालोनियां बसी हुई हैं जहां हजारों की आबादी रहती है। पहले यहां के लोगों को रेलवे लाइनों को पार करके शहर तक पहुंचना पड़ता था। अक्सर हादसे होते थे तथा फाटक बंद रहने के कारण लोग दिनभर जाम में ही फंसे रहते थे। फाटक पर अंडरपास बनवाने के लिए लोगों ने काफी संघर्ष किया था, जिसके बाद इसके निर्माण की राह खुली थी। लाइनों के नीचे से अंडरपास का निर्माण करने की जिम्मेदारी रेलवे की थी तथा दोनों तरफ अंडरपास को जोड़ने वाला मार्ग लोकनिर्माण विभाग को बनाना है। रेलवे ने तय समय पर अपना काम शुरू करके खत्म भी कर दिया, लेकिन लोकनिर्माण विभाग की ओर से जो कार्य किया जा रहा है वह बेहद धीमी गति से चल रहा है। गत वर्ष जुलाई से लोकनिर्माण विभाग के ठेकेदार ने अंडरपास निर्माण कार्य आरंभ कर दिया था, लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हुआ है। सबसे अहम बात यह है कि अंडरपास निर्माण कार्य पूरा करने की अंतिम तारीख 30 अप्रैल है लेकिन किसी भी सूरत में नहीं लगता कि तय समय पर काम पूरा हो सकेगा।
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उपायुक्त की फटकार का भी असर नहीं
अंडरपास निर्माण की धीमी गति के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आसपास के दुकानदारों का धंधा पूरी तरह से चौपट हो गया है। वहीं फाटक पार के लोगों को 5 से 6 किमी. तक घूमकर शहर में आना पड़ रहा है। 11 फरवरी को उपायुक्त यशेंद्र सिंह खुद अंडरपास निर्माण का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे। उपायुक्त ने लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिए थे कि अगर 30 अप्रैल तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो तो ठेकेदार पर कार्रवाई की जाए तथा पेनाल्टी लगाई जाए। उम्मीद थी कि उपायुक्त की फटकार का असर होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस फटकार के बाद तो काम की गति बढ़ने की बजाय और भी धीमी हो गई है।
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रेलवे की केबल व नप की सीवर लाइन होगी शिफ्ट
अंडरपास निर्माण के लिए जो तालमेल सरकारी विभागों में होना चाहिए था वह कतई नजर नहीं आ रहा है। फाटक के दूसरी ओर से अंडरपास की खोदाई भी ठीक से पूरी नहीं हुई है। अभी वहां पर रेलवे की टेलीफोन केबल, सिग्नल लाइन व नगर परिषद की सीवर लाइन को भी शिफ्ट किया जाना है। ठेकेदार भी इस बात को लेकर पूरी तरह से आशवस्त है कि उसका समय तो बढ़ा ही दिया जाएगा।
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अंडरपास निर्माण में कुछ अड़चनें आ रही हैं, जिनका समाधान किया जा रहा है। रेलवे, नगर परिषद व जनस्वास्थ्य विभाग की केबल व लाइनों को शिफ्ट किया जाना है। जैसे ही यह काम हो जाता है निर्माण कार्य शीघ्रता से पूरा किया जाएगा।
-सचिन भाटी, कार्यकारी अभियंता, लोकनिर्माण विभाग