ग्राम जल एवं सीवरेज समिति के सदस्य करेंगे पेयजल गुणवत्ता की जांच
जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन द्वारा जल जीवन मिशन के तहत जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में पेयजल की गुणवत्ता एवं क्लोरीनेशन जांच हेतु ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों व उपभोक्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन द्वारा जल जीवन मिशन के तहत जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में पेयजल की गुणवत्ता एवं क्लोरीनेशन जांच हेतु ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों व उपभोक्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। अभी तक जिले में 6,213 उपभोक्ताओं को जीवाणु परीक्षण किट की ट्रेनिग दी जा चुकी है, जिन्होंने अपने पेयजल की गुणवत्ता के लिए सैंपल भी जांचे हैं।
मार्च 2022 तक जीवाणु परीक्षण के लिए जिले में 8,141 सैंपल जांचने का लक्ष्य: जिला सलाहकार योगेंद्र परमार ने कहा कि विभाग द्वारा 358 ग्राम पंचायतों की ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों को पेयजल में क्लोरिन जांच के लिए क्लोरिन किट भी वितरित की जा चुकी है। अब मार्च 2022 तक जीवाणु परीक्षण के लिए जिले में 8,141 सैंपल जांचने का लक्ष्य रखा गया है। विभाग के बीआरसी की टीम और सक्षम युवाओं के सहयोग से टीमें गठित करके डोर-टू-डोर अभियान चलाया जा रहा है। आइईसी गतिविधियों के साथ पंफ्लेट वितरण व एच2एस किट के माध्यम से पेयजल का जीवाणु परीक्षण किया जाता है। वहीं ओटी किट के माध्यम से पेयजल में क्लोरिन की जांच की जाती है। जल जीवन मिशन के तहत विभाग सरकार द्वारा जहां हर घर नल से स्वच्छ पेयजल प्रदान करने का कार्य प्रगति पर है। वहीं उसी जल की गुणवत्ता जांचने के लिए ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों को गांव-गांव जाकर जागरूक किया जा रहा है। साथ ही पांच महिलाओं को भी पेयजल की जांच करने के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। बृहस्पतिवार को लिसाना गांव में आयोजित हुए जागरूकता कार्यक्रम में बीआरसी अनिल नहरा, ओमपति, वासो स्टाफ साहिल, राहुल ने सहयोग दिया।