तंबाकू उत्पाद के विज्ञापन पर सख्ती करने का आह्वान
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: सिविल सर्जन डॉ. कृष्ण कुमार ने ट्रॉमा सेंटर में आयोजित तंबाकू
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: सिविल सर्जन डॉ. कृष्ण कुमार ने ट्रॉमा सेंटर में आयोजित तंबाकू कंट्रोल कार्यक्रम व उससे संबंधित कानून की जागरूकता के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए बोले कि किसी भी प्रकार के नशे का सेवन देश और समाज के लिए बड़ी चुनौती है। तंबाकू की लत से युवाओं को बचाना जरूरी है।
जेनरेशन सेवियर एसोसिएशन मोहाली के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे। इसमें मुख्य रूप से तंबाकू उत्पाद को बढ़ावा देने से रोकने और युवाओं को इससे बचने के लिए जागरूक करना था। विशेषज्ञों ने कहा कि जिला के किसी भी दुकानदार को तंबाकू उत्पाद का विज्ञापन नहीं करना चाहिए। उल्लंघन करने पर कोटपा एक्ट के तहत नाबालिगों को तंबाकू उत्पाद बेचने पर भी प्रतिबंध है। ऐसा करने वालों को सात साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
इसके अलावा शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानदार का चालान किया जा सकता है। उपसिविल सर्जन एवं कोटपा के नोडल अधिकारी डॉ. कमल मेहरा ने कार्यशाला के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए सभी से तंबाकू उत्पाद के विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए अहम भूमिका निभाने का आह्वान किया। मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी धर्मवीर बल्डोदिया, पुलिस प्रशासन के अधिकारी और अन्य विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।
क्या है कोटपा कानून:
नोडल अधिकारी डॉ. कमल मेहरा ने बताया कि (सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद एक्ट) कोटपा 2003 कानून की धारा 4 के तहत किसी भी सार्वजनिक स्थल में बीड़ी सिग्रेट और सिगार पीने पर प्रतिबंध व उल्लंघन करने पर जुर्माना। धारा 5 में किसी भी तंबाकू उत्पाद का विज्ञापन दुकान, टीवी, अखबार, रेडियो, इंटरनेट और तंबाकू उत्पादों का प्रचार करने पर जुर्माना व कैद का प्रावधान।
धारा 6ए: नाबालिग को तंबाकू उत्पाद बेचने या उससे बिकवाने पर प्रतिबंध व दुकानों पर चेतावनी बोर्ड लगाना अनिवार्य, उल्लंघन करने पर जुर्माना।
धारा 6बी: किसी भी शिक्षण संस्थान की बाहरी सीमा के 100 गज के दायरे के भीतर तंबाकू उत्पाद बेचने पर प्रतिबंध, उल्लंघन करने पर जुर्माना। धारा 7: किसी भी तंबाकू उत्पाद को उसके दोनों मुख्य भागों के 85 फीसद हिस्से में बिना चेतावनी दर्शाए या खुली सिगरेट बेचने पर प्रतिबंध, उल्लंघन करने पर जुर्माने व कैद का प्रावधान है।
बीड़ी-सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पाद खाने से हर साल सात हजार से अधिक लोग विभिन्न बीमारियों के शिकार होते हैं। कानून की सख्ती के साथ जागरुकता से ही धूमपान और तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या कम किया जा सकता है।
- डॉ. कृष्ण कुमार, सिविल सर्जन।