नियम 134ए: 1,616 बच्चे दाखिले से रहे वंचित
नियम 134ए के तहत करीब एक माह तक दाखिला प्रक्रिया चलने के बावजूद जिले के 1616 बच्चे दाखिले से वंचित रह गए हैं।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: नियम 134ए के तहत करीब एक माह तक दाखिला प्रक्रिया चलने के बावजूद जिले के 1,616 बच्चे दाखिले से वंचित रह गए हैं। मौलिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी की गई पहली सूची में जिले के 2,150 बच्चे शामिल थे, जिसमें से अंतिम तारीख तक महज 466 बच्चों के ही दाखिले हुए हैं। जबकि 68 बच्चों के आवेदन रद हुए हैं। अब दाखिले की अंतिम तारीख समाप्त होने से जिन बच्चों के दाखिले नहीं हो पाए हैं, उनका भविष्य दांव पर लग गया है। वहीं मौलिक शिक्षा निदेशालय की ओर से अब दाखिले की तारीख बढ़ाने की उम्मीद भी कम ही नजर आ रही है।
प्रदेशभर में दाखिले नहीं देने के मामले में जहां फरीदाबाद 16.4 प्रतिशत के साथ पहले तो रेवाड़ी 21.7 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है। सिरसा जिले में सबसे अधिक 60 प्रतिशत दाखिले हुए हैं। वहीं निजी स्कूलों की ओर से नियम 134 ए की पिछले वर्षों की बकाया फीस सहित विभिन्न मांगे पूरी करने की मांग उठाई जा रही है। इसको लेकर निजी स्कूल यूनियन शिक्षामंत्री से लेकर अधिकारियों को कई बार ज्ञापन भी सौंप चुकी हैं। वहीं बच्चों का दाखिला नहीं होने के कारण पिछले एक माह में अभिभावकों की तरफ से भी कई बार जिला सचिवालय पर धरना दिया गया था।
प्रदेशभर में अंतिम तारीख तक हुए दाखिलों की स्थिति:
जिले का नाम सीट अलाट दाखिल छात्रों की संख्या रद आवेदन बाकी छात्र
रेवाड़ी 2150 466 68 1616
फरीदाबाद 2749 450 206 2093
करनाल 2760 928 172 1660
अंबाला 1973 578 249 1146
पंचकुला 445 127 24 294
नूंह 726 189 63 474
रोहतक 1797 664 271 862
गुरुग्राम 1570 519 193 858
पलवल 1675 516 190 969
महेंद्रगढ़ 1206 484 237 485
हिसार 3137 1673 718 746
चरखीदादरी 1078 554 99 425
फतेहाबाद 1382 781 462 139
यमुनानगर 2048 1025 198 825
झज्जर 2004 1049 315 640
जींद 1915 1109 213 593
कैथल 2293 1087 95 1111
सोनीपत 2544 1027 324 1193
भिवानी 2184 1258 800 126
सिरसा 1352 820 169 363
कुरुक्षेत्र 2274 1335 618 321
पानीपत 2069 1155 687 227 फिलहाल निदेशालय की तरफ से दाखिले की तारीख बढ़ाने के संबंध में कोई आदेश नहीं आया है। वहीं जिन स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, उनकी सूचना निदेशालय को भेज दी गई है।
- कपिल पूनिया, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी