रेजांगला युद्ध के दस्तावेज हों सार्वजनिक
शहर के नागरिकों ने सर्जिकल स्ट्राइक को जिस प्रकार भारत सरकार ने जग जाहिर कर भारतीय सेना के पराक्रम को दिखाया है, उसी प्रकार 1962 के भारत-चीन युद्ध संबंधित दस्तावेज को सार्वजनिक कर रेजांगला पोस्ट पर इलाके के रणबांकुरों के पराक्रम को सम्मानित करने की मांग उठाई है। रेजांगला शौर्य समिति की ओर से रेजांगला युद्ध स्मारक पर आयोजित पराक्रम पर्व के उपलक्ष्य में उक्त प्रस्ताव पारित किया गया। सेना मेडल ब्रिगेडियर देवेंद्र ¨सह यादव की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में चार प्रस्ताव पारित किये गए।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : रेजांगला शौर्य समिति ने मांग उठाई है कि सर्जिकल स्ट्राइक को जिस प्रकार भारत सरकार ने जग जाहिर कर भारतीय सेना के पराक्रम को दिखाया है, उसी प्रकार 1962 में रेजांगला की चोटी पर लड़े गए युद्ध के दस्तावेजों को भी सार्वजनिक किया जाए। इस युद्ध में अदम्य साहस दिखाने वाले जवानों व उनके परिजनों को सम्मान दिया जाए। रेजांगला शौर्य समिति की ओर से रेजांगला युद्ध स्मारक पर आयोजित पराक्रम पर्व के उपलक्ष्य में उक्त प्रस्ताव पारित किया गया। सेना मेडल ब्रिगेडियर देवेंद्र ¨सह यादव की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में चार प्रस्ताव पारित किये गए। इनमें अहीर रेजीमेंट के गठन, सैनिक स्कूल के भवन का का निर्माण शीघ्र कराने, विधायकों, सांसदों की तरह देश के रक्षक पूर्व सैनिकों की पेंशन भी करमुक्त की जाए। इसके अलावा निर्णय लिया गया कि जिले के पराक्रमी महावीर चक्र, वीर चक्र और अन्य वीरता पदक विजेताओं की शौर्य गाथाओं को प्रचारित किया जाएगा। इस अवसर पर उपस्थित वीरता पदक विजेता पूर्व सैनिकों ने अपने विभिन्न ऑपरेशन के अनुभव सुनाए। कार्यक्रम में कैप्टन रामचंद्र, अधिवक्ता नरेश चौहान, लेफ्टिनेंट कमांडर शंकर¨सह राव, प्रो. अनिरुद्ध यादव, कैप्टन चंदगीराम, कैप्टन बलवंत ¨सह, डॉ. कंवर ¨सह यादव, सूबेदार सेवाराम, सूबेदार दलीप ¨सह, सूबेदार भीम ¨सह, कैप्टन फकीरचंद, वीपी शर्मा, अरुण गुप्ता, यशवंत शास्त्री, विजय नारायण यादव, हवलदार रामपाल, पं. छाजूराम शर्मा, मा. जयपाल, राजेश भुलक्कड़, गणेश, योगेश आदि ने अमर शहीदों के सिविलियन धाम पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।