संसाधन व इच्छा शक्ति की कमी आ रही आड़े
जिले की बढ़ती आबादी व वाहनों की संख्या के कारण यातायात पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : जिले की बढ़ती आबादी व वाहनों की संख्या के कारण यातायात पर नियंत्रण करना या उसे सहज बनाए रखना प्रशासन के लिए काफी मुश्किल हो रहा है। शायद यही कारण है कि हर वर्ष दुर्घटनाओं का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। यातायात ढांचे को दुरुस्त करने के लिए कोई ठोस योजना भी नहीं दिख रही है। कमजोर बुनियादी सुविधाओं व इच्छाशक्ति के अभाव पर वाहन भारी पड़ने लगे हैं। अव्यवस्थाएं सुरक्षित यातायात के रास्ते की रुकावट बन चुकी हैं।
हर वर्ष होने वाले सड़क हादसों में कमी की बजाय बढ़ोतरी होती जा रही है। यातायात व क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा नियम सख्ती से पालन कराए जाते हैं। नियमों के सख्त अनुपालन से सड़क हादसों को काफी कम करने में सफलता प्राप्त की जा सकती है। यातायात पुलिस व परिवहन विभाग के पास संसाधनों की कमी के अतिरिक्त व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए जागरूकता की कमी भी हादसों का कारण बन रही है। लापरवाही और राजनीतिक दखल भी यातायात नियमों के उल्लंघन को बढ़ावा देता है। यातायात पुलिस के दम पर यातायात को नियंत्रित करने की जो कोशिश है, वह अपर्याप्त है। यातायात नियमों के पालन के लिए नफरी बढ़ाने की जरूरत है। वर्षों पूर्व स्वीकृत पदों को बढ़ाया नहीं जा सका है। यातायात पुलिस के पास वाहनों की स्पीड मापने के लिए एक ही इंटरसेप्टर गाड़ी है। भ्रष्टाचार भी है खूब क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण में भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं रहा है। गत माह भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद आरटीए में कार्यरत सात कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया था तथा शेष कर्मचारियों का यहां से तबादला कर दिया गया था। सरकार द्वारा अब हरियाणा पुलिस सेवा के अधिकारी गजेंद्र सिंह को क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा सचिव नियुक्त किया गया है, जिसके बाद व्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है। आरटीए कार्यालय में पूरा नया स्टाफ नियुक्त किया गया है। आरटीए कार्यालय में तीन इंस्पेक्टर व दस डाटा आपरेटर की भी नियुक्ति हुई है। आनलाइन है लाइसेंस की प्रक्रिया कुछ समय पहले तक ड्राइविग लाइसेंस बनवाने में बिचौलियों का राज होता था परंतु वर्तमान में ड्राइविग लाइसेंस की पूरी प्रक्रिया को आनलाइन कर दिया गया है। आवेदक को पहले छह माह के लिए लर्निंग लाइसेंस जारी किया जाता है। बाद में स्थायी लाइसेंस जारी किया जाता है। नवीनीकरण के लिए छह माह के अंदर लर्निंग के साथ दोपहिया या एलएमवी बनाया जा सकता है। स्थायी लाइसेंस के बाद आनलाइन टेस्ट के बाद जिला निरीक्षक की उपस्थित में आवेदक का ड्राइविग टेस्ट लिया जाता है। टेस्ट में उत्तीर्ण होने के बाद ही जिला निरीक्षक द्वारा लाइसेंस बनाने के लिए मंजूरी दी जाती है।
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क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण कार्यालय में व्यवस्था पूरी तरह पटरी पर आ चुकी है। नए स्टाफ की नियुक्ति की गई है तथा संसाधनों की व्यवस्था भी की जा रही है। तीन इंस्पेक्टर की नियुक्ति भी की गई है। नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। लाइसेंस की प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है तथा योग्य को ही ड्राइविग लाइसेंस जारी किया जाता है।
-गजेंद्र सिंह, आरटीए सचिव।