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घोटाले की जांच को कांग्रेस ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन

प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पर भ्रष्टाचार व घोटालों का आरोप लगाते हुए बुधवार को जिला कांग्रेस की ओर से प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम सीटीएम को ज्ञापन सौंपा गया तथा घोटालों की न्यायिक जांच की मांग की गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 10:57 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 06:16 AM (IST)
घोटाले की जांच को कांग्रेस ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन
घोटाले की जांच को कांग्रेस ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पर भ्रष्टाचार व घोटालों का आरोप लगाते हुए बुधवार को जिला कांग्रेस की ओर से प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम सीटीएम को ज्ञापन सौंपा गया तथा घोटालों की न्यायिक जांच की मांग की गई। प्रदर्शन का नेतृत्व पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने किया।

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कैप्टन यादव ने कहा कि जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही थी, उस समय प्रदेश में उच्च पदों पर बैठे लोग शराब व रजिस्ट्री घोटाले को अंजाम देने में लगे थे। भाजपा-जजपा की गठबंधन सरकार असली गुनाहगारों और शराब माफियाओं को बचाने में लगी हुई है। इसलिए शराब और रजिस्ट्री घोटाले के असली गुनाहगारों तक पंहुचने के लिए हाई कोर्ट के सिटिग जज से जांच करवाई जानी चाहिए और दोनों विभाग के मंत्रियों को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए तभी इन घोटालों की जांच संभव है।

उन्होंने कहा कि इसी तरह रजिस्ट्री घोटाले से भी भाजपा सरकार की पोल खुल चुकी है। इस सरकार का ध्यान जनता की समस्याओं की ओर नहीं है बल्कि मंत्री अपनी जेब भरने में लगे हैं। पिछले 6 वर्षों के दौरान इस सरकार में कई घोटाले हुए है। इन घोटालों में धान खरीद घोटाला, अरावली भूमि उपयोग घोटाला, खनन घोटाला, रोडवेज किलोमीटर योजना घोटाला, एचएसएससी भर्ती घोटाला, एससी छात्रवृत्ति घोटाला व बिजली मीटर घोटाला शामिल हैं। ज्ञापन में एम्स निर्माण,, रेवाडी की सभी डिस्ट्रीब्यूटरी की टेल तक पानी पहुंचाने चाहिए, कपास खरीद के लिए सीसीआइ (कॉटन कॉरपोरेशन आफ इंडिया) का केंद्र बनाने, बुढ़ापा पेंशन के परफोरमा को ठीक करने, जीएसटी का सरलीकरण, स्थानीय उद्योगों में 75 प्रतिशत नौकरी का आरक्षण लागू करने की मांग भी की।

मुआवजा देने की मांग: पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने पशुओं की लड़ाई में मारे गए फोटोग्राफर संजय वर्मा के परिवार मुआवजा राशि देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कागजों में प्रदेश को बेसहारा पशु मुक्त करार दिया है। एक सप्ताह पहले बच्ची आवारा पशु से बाल-बाल बची थी, वही बुधवार को एक फोटोग्राफर संजय की मृत्यु हो गई। करीब 10 दिन पहले भी विधायक चिरंजीव राव ने बेसहारा पशुओं की संख्या में लगातार वृद्धि का मामला उठाया था। लोगों की मौत हो रही है तथा किसानों की फसल तबाह हो रही है, लेकिन किसी की कान पर जूं तक नही रेंगी। पूर्व मंत्री ने कहा कि राजस्थान से आने वाल चरवाहे सांड़ों को यहां छोड़ रहे हैं। सरकार को इन पशुओं पर भी पाबंदी लगानी चाहिए क्योंकि अब राजस्थान में नहरों का जाल है और भुखमरी नही है। राजस्थान के पशुपालकों ने इसे अपना व्यवसाय बना लिया है।


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