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संभल कर चलें, कोहरे में जानलेवा है अंधे मोड़ व खतरनाक कट

सर्दी शुरू होते ही कोहरे का कहर भी शुरू हो जाता है। जिला से गुजर रहे दो राष्ट्रीय राजमार्गों व अन्य स्टेट हाईवे पर कई कट या मोड़ ऐसे हैं जहां पर कोहरे में वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है। इन कटों पर वाहन चालक की जरा सी चूक जिदगी को खतरे में डाल सकती है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 05:40 PM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 05:40 PM (IST)
संभल कर चलें, कोहरे में जानलेवा है अंधे मोड़ व खतरनाक कट
संभल कर चलें, कोहरे में जानलेवा है अंधे मोड़ व खतरनाक कट

कृष्ण कुमार, रेवाड़ी

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सर्दी शुरू होते ही कोहरे का कहर भी शुरू हो जाता है। जिला से गुजर रहे दो राष्ट्रीय राजमार्गों व अन्य स्टेट हाईवे पर कई कट या मोड़ ऐसे हैं, जहां पर कोहरे में वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है। इन कटों पर वाहन चालक की जरा सी चूक जिदगी को खतरे में डाल सकती है। इनमें से कई ऐसे मोड़ व कट हैं जहां न तो कोई संकेतक हैं और न ही रिफ्लेक्टर। प्रशासन की ओर से कुछ मार्गों पर हादसों को रोकने के लिए व्यवस्था की गई है, परंतु बहुत सी जगहों पर अभी भी और काम होने की जरूरत है। इन जगहों पर है खतरा हाईवे पर मौत की नहर:

दिल्ली-जयपुर हाईवे पर गांव ड्योढई के निकट गुजर रही नहर पर वर्षों से अधूरा पड़ा काम कई बड़े हादसों का कारण बन चुका है। नहर के पास आकर हाईवे की सर्विस लेन अचानक खत्म हो जाती है। नहर पर बनाई गई सेफ्टी वॉल भी टूट चुकी है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से यहां पर न तो कोई संकेतक लगाया गया है और न ही रिफ्लेक्टर लगाए गए हैं। अनजान लोगों को सर्विस लेन खत्म होने का पता नहीं लगता तथा वाहन नहर में गिर जाता है। यहां पर सवारियों से भरी बस, कार, एंबुलेंस व मोटरसाइकिल सवारों के नहर में गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं तथा कई लोगों की मौत का कारण भी बन चुकी है। बार-बार हादसों के बावजूद स्थिति जस की तस है। कोहरे में यहां बड़े हादसे की पुनरावृत्ति हो सकती है।

हीरो कट: धारूहेड़ा में हीरो कट बेहद व्यस्त क्रॉसिग क्षेत्र है। यहां से कई कंपनियों के हजारों कर्मचारी प्रतिदिन गुजरते हैं। हाईवे पार करते समय इस कट पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। इसी कारण इसे सबसे अधिक हादसों वाली जगहों में शामिल किया गया है।

बनीपुर चौक: रेवाड़ी से बावल जाते समय दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बनीपुर चौक पार करना पड़ता है। हाईवे पर वाहनों का लगातार दबाव रहता है। हालांकि पिछले कुछ माह से इस चौक पर जाने वाले वाहनों के रास्ता बदला गया है। रास्ता बदलने से हादसों में कमी आई है, लेकिन पैदल जाने वाले लोगों के लिए सुविधा नहीं है, जिस कारण हादसे होते रहते है। नारनौल रोड पर है अंधे मोड़: रेवाड़ी-नारनौल रोड पर कई ऐसे अंधे मोड़ व खतरनाक प्वाइंट हैं जहां आए दिन हादसे होते रहते हैं। बासदूधा टी-प्वाइंट, पाडला मोड़, पाली फाटक व गोविदपुरी के निकट सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। पाली फाटक के निकट बने मोड़ पर सामने आने वाले वाहन दिखाई नहीं देते। इसी प्रकार कुंड स्थित हनुमान मंदिर के निकट भी अंधा मोड़ है। इस मोड़ पर दोनों ओर से सामने से आ रहे वाहन दिखाई नहीं देते। यहां पर न केवल छोटे वाहन बल्कि कई बसें भी दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी है।

पटौदी रोड पर हाईवे फ्लाइओवर

पटौदी रोड पर एनएच-352 क्रास कर रहा है। यहां पर हाईवे से गुजरने वाले वाहनों के लिए फ्लाईओवर बनाया हुआ है। हाईवे से पटौदी व रेवाड़ी आने वाले वाहन अचानक इस सड़क पर चढ़ते हैं तथा उनकी गति भी अधिक रहती है, जिस कारण कई हादसे भी हो चुके हैं। हाईवे से आने वाली सर्विस लेन पर ब्रेकर नहीं है। न ही पटौदी रोड से जाने वाले वाहनों की गति रोकने के लिए कोई व्यवस्था।

पाल्हावास व गुरावड़ा चौक है खतरनाक

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-352 पर ही गुरावड़ा चौक है। यहां हादसों की संख्या काफी ज्यादा है। कोहरे के दौरान इन प्वाइंट पर हादसे होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। हाईवे को पैदल पार करने वालों के लिए भी विशेष व्यवस्था नहीं है। रोहडाई मोड़ व पाल्हावास चौक पर फ्लाईओवर भी नहीं हैं। यहां वाहनों व पैदल पार करने वालों के साथ आए दिन हादसे होते रहते हैं। रात में दृश्यता कम रहती है, बच कर निकलें:

कोहरे से रात में वाहन चालकों को सबसे अधिक परेशानी होती है। कई बार अचानक सड़क पर कोहरा आ जाता है। दृश्यता कम होने से वाहन चालक को सामने दूर तक दिखाई नहीं देता है। इस दौरान वाहन की गति अधिक है तो हादसे की आशंका बढ़ जाती है। एक्सप्रेस-वे व खुले इलाकों में कोहरे का अधिक असर होता है। लिहाजा, कोहरे में घर से निकलने के दौरान मौसम के बारे में अवश्य पता कर लें। अगर कोहरा अधिक है तो कुछ देर इंतजार के बाद ही सफर की शुरुआत करनी चाहिए।


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