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चार दिन रेकी करके, चार घंटे में चोरी कर लेते थे लाखों का तेल

हर वारदात के बाद गिरोह के सदस्यों को सरगना देता था 40 से 50 हजार रुपये।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 07:09 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 07:09 PM (IST)
चार दिन रेकी करके, चार घंटे में चोरी कर लेते थे लाखों का तेल
चार दिन रेकी करके, चार घंटे में चोरी कर लेते थे लाखों का तेल

हर वारदात के बाद गिरोह के सदस्यों को सरगना देता था 40 से 50 हजार रुपये, तेल कंपनियों की लचर सुरक्षा व्यवस्था बनीं गिरोह की ताकत

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वेल्डिंग मशीन, जनरेटर सहित सभी औजार साथ लेकर चलता था तेल चोर गिरोह

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी:

पेट्रोलियम पाइप लाइन में सेंध लगाकर लाखों रुपये का तेल चोरी करने वाला गिरोह बेहद शातिर तरीके से वारदात को अंजाम देता था। वारदात से पूर्व चार दिनों तक तेल पाइप लाइन के आसपास रेकी की जाती थी। रेकी के दौरान पता लगाया जाता था कि संबंधित स्थान पर तेल पाइप लाइन में सेंध लगाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है। रेकी के बाद ही गिरोह वारदात को अंजाम देता था। बदमाशों के पास पाइप लाइन में सेंध लगाने का इतना अनुभव था कि वह चार घंटे में न सिर्फ खोदाई और पाइप लाइन में वाल्व लगा देते थे बल्कि हजारों लीटर तेल टैंकर में भी भर लेते थे। अब पुलिस के हत्थे चढ़े बदमाशों से पूछताछ में कई तरह के राज से पर्दा उठ रहा है जिनको सुनकर खुद खाकी भी हैरान है। एसपी राजेश कुमार ने शनिवार को अपने कार्यालय में पत्रकार वार्ता करके गिरोह से जुड़ी जानकारी को साझा किया। एसपी के अनुसार मुख्य तौर पर हिदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन आयल की पाइप लाइनें बदमाशों के निशाने पर थी। सोनीपत के बदमाशों ने बनाया गिरोह

तेल चोरी करने वाले गिरोह के जिन नौ बदमाशों को पुलिस ने पकड़ा है उनमें से ज्यादातर सोनीपत जिले के हैं। सोनीपत जिला के ही रहने वाले सुनील उर्फ बांडा ने गिरोह की नींव रखी थी। गिरोह में शामिल ज्यादातर सदस्य पहले भी वारदात में शामिल रह चुके हैं। पुलिस ने जिन बदमाशों को पकड़ा है उनकी पहचान सोनीपत जिले के गांव चटिया देवा निवासी रवि कुमार उर्फ कर्ण, सोनीपत जिले के सलीमपुर निवासी हरीश उर्फ मिस्त्री व अनिल उर्फ सोनू, सोनीपत के विकास नगर निवासी रविद्र उर्फ बल्लु उर्फ चिरकुट, दिल्ली के लाडपुर कंझावला निवासी विजय उर्फ अजय उर्फ भोला, सोनीपत जिले के गांव नाहरा निवासी बिद्र, यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के मुकंदपुर निवासी सूरज व सन्नी, यूपी के बागपत जिले के गांव भगोठ निवासी मनीष उर्फ सूंड के रूप मे हुई है। सुनील उर्फ बांडा की जेल में ही गिरोह के सदस्यों से मुलाकात हुई थी और उन्होंने आपस में मिलकर गैंग बना लिया। एक करोड़ से ज्यादा का तेल बेच चुके हैं बदमाश

तेल चोरी करने वाला गिरोह एक बार में कम से कम 22 से 25 हजार लीटर पेट्रोल चोरी करता था। चोरी के तेल से उन्हें 18 से 20 लाख रुपये मिलते थे। तेल की डील करने का सारा काम सुनील उर्फ बांडा और उसका दूसरा साथी दिनेश राठी करता था। जो पैसे आते थे उसमें से 40 से 50 हजार रुपये गिरोह के हर सदस्य को दिए जाते थे। वर्ष 2021 में गिरोह ने 12 वारदात को अंजाम दिया तथा करीब एक करोड़ रुपये का पेट्रोल बेचने का काम किया। आसानी से मोटा पैसा कमाने के चक्कर में ही बदमाश तेल चोरी की एक के बाद एक वारदात को अंजाम देते गए। इससे पहले भी गिरोह के सदस्य कई अन्य वारदात में शामिल रह चुके हैं। बहादुरगढ़ तक खंगाले जाएंगे गिरोह के तार

पुलिस सिर्फ फरार बदमाश सुनील उर्फ बांडा और दिनेश राठी को ही नहीं तलाश कर रही है बल्कि उनका प्रयास बहादुरगढ़ में उन माफियाओं तक भी पहुंचने का है जो चोरी का तेल खरीदते थे। अहम बात यही है कि हजारों लीटर तेल खरीदकर उसे खपाया किस तरीके से जाता था। इनसेट:

शातिर महिला मित्र को किसी से नहीं मिलवाता था सुनील उर्फ बांडा

तेल चोर गिरोह में एक युवती भी शामिल है जो इस गिरोह की अहम सदस्य है। यह युवती है सरगना सुनील उर्फ बांडा की महिला मित्र । सुनील अपनी महिला मित्र से ही जिस स्थान पर तेल चोरी करनी होती थी वहां की रेकी कराता था। तेल चोरी करने जाते समय भी सुनील कार में अपनी महिला मित्र के साथ मौजूद रहता था। गिरोह के जो सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़े हैं उनसे मिली जानकारी के अनुसार सुनील अपनी महिला मित्र को गिरोह के अन्य सदस्यों से मिलने नहीं देता था।

की जाती थी पूरी तैयारी

वारदात करने आते समय गिरोह पूरी तैयारी के साथ आता था। उनके पास वेल्डिंग करने वाली मशीन से लेकर जनरेटर तक होता था। गिरोह में शामिल हरीश मिस्त्री चलती हुई तेल पाइप लाइन में वाल्व लगाने का काम करता था। ये लोग पहले लाइन में वेल्डिंग करके प्लेट जोड़ देते थे तथा उसके बाद हाथों से लाइन में सेंध लगाते थे ताकि कोई दुर्घटना नहीं हो। फिर मोटर चलाकर टैंकर में तेल भरते थे।

तेल कंपनियों की सुरक्षा व्यवस्था में हैं खामियां

तेल कंपनियों की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी खामियां है, जिसका फायदा बदमाश उठाते थे। कंपनियों को यह तो पता चल जाता है कि उनकी पाइप लाइन में सेंध लगाई गई है लेकिन सेंध कहां पर लगी है इसका पता लगाने में ही उनको दो तीन दिन का समय लग जाता है। कई बार तो पाइप लाइन में सेंध लगाए जाने की जानकारी भी कंपनी तक नहीं पहुंच पाती।

एसपी ने थपथपाई डीएसपी व सीआइए इंचार्ज की पीठ

पुलिस अधीक्षक राजेश ने बताया कि यह अभी तक पकड़ा गया सबसे बड़ा तेल चोर गिरोह है। एसआइटी इंचार्ज डीएसपी राजेश कुमार चेची और सीआइए धारूहेड़ा प्रभारी अजय कुमार की टीम ने इस गिरोह को पकड़ने के लिए दिन रात एक किया। एसपी ने डीएसपी व सीआइए प्रभारी की पीठ थपथपाई।


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