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एफआइआर व तोड़फोड़ के विरोध में हुई पंचायत, सौंपा ज्ञापन

अवैध निर्माण करने के आरोप में जिला नगर योजनाकार अधिकारी द्वारा ग्रामीणों के खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी निर्माण तोड़ने व नोटिस देने के विरोध में शुक्रवार को गांव करनावास में पंचायत हुई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 11:51 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 11:51 PM (IST)
एफआइआर व तोड़फोड़ के विरोध में हुई पंचायत, सौंपा ज्ञापन
एफआइआर व तोड़फोड़ के विरोध में हुई पंचायत, सौंपा ज्ञापन

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: अवैध निर्माण करने के आरोप में जिला नगर योजनाकार अधिकारी द्वारा ग्रामीणों के खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी, निर्माण तोड़ने व नोटिस देने के विरोध में शुक्रवार को गांव करनावास में पंचायत हुई। पंचायत में करनावास के अतिरिक्त गांव बिठवाना व चांदपुर ढाणी के निवासी भी शामिल रहे। पंचायत में डीटीपी द्वारा की जा रही कार्रवाई पर रोष जताया गया और जिला सचिवालय पहुंच कर ज्ञापन भी दिया गया। ग्रामीणों पर दर्ज प्राथमिकी भी रद करने की मांग की गई। पंचायत की अध्यक्षता पूर्व सरपंच राजेंद्र सिंह ने की।

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वक्ताओं ने कहा कि गांव करनवास की अधिकतर जमीन सरकार द्वारा अधिग्रहण की जा चुकी है। गांव के लोगों के पास रिहायश के लिए कम ही जमीन बची है। सरकार द्वारा दशकों से लालडोरा नहीं बढ़ाया गया है। गांव की आबादी बढ़ने के कारण लोगों को रहने के लिए जगह भी चाहिए। गांव के आसपास ग्रामीणों की पुश्तैनी जमीन है, जिसमें वह अपने रहने के लिए मकान, पशुओं के लिए टीनशेड व रोजीरोटी के लिए दुकान बनाई हुई है। ग्रामीण कोई कालोनी विकसित नहीं कर रहे, बल्कि अपनी जरूरत के अनुसार व्यक्तिगत निर्माण कर रहे हैं। अब जिला नगर योजनाकार विभाग द्वारा अपनी पुस्तैनी जमीन में किए गए निर्माण को लेकर नोटिस जारी किए जा रहे है और गांव के 13 लोगों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कराई गई है। ग्रामीणों के रहने के लिए जगह चाहिए। इसके अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है। ग्रामीणों ने कुछ दिन पहले सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल से भी मुलाकात की थी। उन्होंने तोड़फोड़ रोकने के लिए मुख्यमंत्री व डीटीपी से भी बात की थी। इसके बावजूद ग्रामीणों को नोटिस जारी किए जा रहे है।

उपायुक्त के नाम सौंपा ज्ञापन: पंचायत के बाद ग्रामीण जिला सचिवालय पहुंचे और एसडीएम सिद्धार्थ दहिया को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में ग्रामीणों ने डीटीपी द्वारा की जा रही तोड़फोड़ को रोकने व ग्रामीणों पर दर्ज की गई प्राथमिकी रद करने की मांग की गई है। इस अवसर पर करण सिंह, निवर्तमान सरपंच सुभाष, हरि सिंह नंबरदार, जयभगवान, राजेश कुमार, जगदीश नंबरदार, पैक्स चेयरमैन राजेंद्र सिंह, एडवोकेट राजीव कुमार व सुरेंद्र चांदपुर सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।

दशकों से लालडोरा नहीं बढ़ाया गया है। आबादी बढ़ चुकी है और ग्रामीणों को रहने के लिए जगह चाहिए। अपनी पुस्तैनी जमीन में निर्माण करना ग्रामीणों की मजबूरी है और प्रशासन उन्हें तोड़ रहा है, जो उनके साथ अन्याय है।

-करण सिंह। अपनी ही जगह में रहने व पशुओं के लिए निर्माण करने पर प्रशासन उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज करा रहा है। उन पर दर्ज की गई एफआइआर तुरंत रद होनी चाहिए।

-राजेंद्र सिंह, पूर्व सरपंच। कृषि भूमि का अधिग्रहण होने के बाद ग्रामीणों के पास गांव में रहने के लिए कम जगह बची है। बेरोजगारी के कारण वह अपनी जगह में रिहायश व दुकान बना कर गुजर-बसर कर रहे है। इस पर भी प्रशासन को आपत्ति है।

-सुभाष, निवर्तमान सरपंच।

ग्रामीण अपनी जरूरत के लिए अपनी पुस्तैनी जमीन में निर्माण कर रहे हैं। डीटीपी द्वारा उन्हें खाली करने के लिए नोटिस दिए गए है, जो बिल्कुल गलत है।

-राजेंद्र सिंह, चेयरमैन पैक्स।


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