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नब्बे हजार लोगों के स्वास्थ्य का जिम्मा एक पीएचसी पर

कोरोनाकाल में स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका अहम रही है। संक्रमण के सबसे विषम परिस्थितियों में भी मेडिकल स्टाफ की टीम मजबूत स्तंभ के रूप में बीमारों का उपचार करती रही।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 04:59 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 04:59 PM (IST)
नब्बे हजार लोगों के स्वास्थ्य का जिम्मा एक पीएचसी पर
नब्बे हजार लोगों के स्वास्थ्य का जिम्मा एक पीएचसी पर

जागरण संवादाता, रेवाड़ी : कोरोनाकाल में स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका अहम रही है। संक्रमण के सबसे विषम परिस्थितियों में भी मेडिकल स्टाफ की टीम मजबूत स्तंभ के रूप में बीमारों का उपचार करती रही। अभी भी कोरोना संक्रमण के लगातार मामले बढ़ रहे हैं। इसमें लोगों को शारीरिक दूरी का पालन करने, मुंह पर मास्क पहनने, कोरोनारोधी टीकाकरण के साथ कोविड सैंपल कराने पर पर जोर दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम इस मुहिम में लगातार लगी हुई है। वैसे तो स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ स्टाफ की कमी सभी जगह बनी हुई है। राजीव नगर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में इन दिनों वर्कलोड ज्यादा ही है। शहर की करीब 90 हजार आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा एक चिकित्सक, नौ नर्सिंग स्टाफ, एक लैब तकनीशियन और एक फार्मासिस्ट के जिम्मे है। हालांकि कुछ दिन पहले एक चिकित्सक और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को डेपुटेशन पर आने के बाद कुछ हद तक राहत मिली है। किराए के भवन में हो रहा संचालन इस पीएचसी को लंबे समय से अपने भवन की दरकार है। श्हर के व्यस्त मोहल्ले में से एक राजीव नगर में जगह इतनी कम है कि कई बार टीकाकरण और कोविड सैंपल के दौरान गली से बाहर तक लंबी कतार लग जाती है। सामान्य दिनों में भी प्रतिदिन 80 से 90 मरीजों की जांच होती है। 150 से 200 के करीब कोरोनारोधी टीकाकरण होता है। वहीं 50 से 60 कोविड सैंपलिग हो रही है। --------

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जगह, स्टाफ और सीमित संसाधनों के बावजूद उपलब्ध टीम का प्रत्येक कर्मचारी काफी मेहनत कर रहा है। नियम अनुसार एक पीएचसी पर 50 हजार आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा होता है लेकिन शहर में होने के कारण यह संख्या लगभग दो गुणा है। जगह और पर्याप्त स्टाफ मिलता है तो शहर के लोगों को और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दे सकेंगे। कोराना काल में स्टाफ के संक्रमित होने पर यह परेशानी और बढ़ जाती है। उच्च अधिकारियों को इस बारे में कई बार अवगत कराया जा चुका है।

-डा. अनुज यादव, प्रभारी, पीएचसी


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