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रेवाड़ी : युवक को आया मिर्गी का दौरा, पुलिस ने सुंघाया जूता

जिला सचिवालय में देखने को मिला जब एक युवक को मिर्गी का दौरा आया तो पुलिस के जवान ने जूता निकाल कर उसे सुंघाना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद युवक की हालत में सुधार हुआ तो पुलिस उसे उपचार के लिए नागरिक अस्पताल लेकर पहुंची।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 06:52 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 06:52 PM (IST)
रेवाड़ी : युवक को आया मिर्गी का दौरा, पुलिस ने सुंघाया जूता
युवक को मिर्गी का दौरा पड़ने पर जूता सूंघाते पुलिसकर्मी। (फाइल फोटो)

रेवाड़ी। पुलिस द्वारा अपने जूतों से अपराधियों का इलाज करते हुए तो बहुत बार देखा होगा, लेकिन पुलिस अपने जूते से बीमार का भी इलाज कर सकती है। ऐसा ही नजारा सोमवार को जिला सचिवालय में देखने को मिला, जब एक युवक को मिर्गी का दौरा आया तो पुलिस के जवान ने जूता निकाल कर उसे सुंघाना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद युवक की हालत में सुधार हुआ तो पुलिस उसे उपचार के लिए नागरिक अस्पताल लेकर पहुंची। 

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शांति भंग के एक मामले में पुलिस शहर निवासी एक युवक को अधिकारियों के पास पेश करने के लिए लाई थी। जिला सचिवालय में युवक को अचानक मिर्गी का दौरा आ गया तथा गिर गया। वहीं मौजूद युवक की मां ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया तो पुलिस के जवान भी दौड़ पड़े। महिला के चिल्लाने की आवाज सुन कर भीड़ एकत्रित हो गई। पुलिस के जवानों ने युवक को संभाला तथा उसके हाथ-पांव रगड़ने शुरू कर दिए। इसी दौरान एक पुलिसकर्मी ने अपना जूता निकालकर युवक की नाक पर रख सुंघाना शुरू कर दिया।

मौके पर एकत्रित लोग भी पुलिस जवान द्वारा किए जा रहे उपचार को देखते रह गए। काफी प्रयास के बाद युवक की हालत में कुछ सुधार हुआ, जिसके बाद पुलिस अपनी गाड़ी में उसे उपचार के लिए नागरिक अस्पताल लेकर रवाना हो गई। लेकिन जूता सुंघा कर उपचार की चर्चा काफी देर तक जिला सचिवालय में होती रही।

विशेषज्ञ की राय: जूता सुंघाने से कुछ नहीं होता

मिर्गी का दौरा आने पर जूता सुंघाने से कुछ नहीं होता। दरअसल मिर्गी का दौरा 20 से 30 सेकेंड में अपने आप ठीक होना शुरू हो जाता है। इतने समय के बाद व्यक्ति को होश में तो आना ही होता है फिर चाहे उसे जूता सुंघाएं या फूल कोई फर्क नहीं पड़ता। मिर्गी आने पर व्यक्ति को भीड़ से अलग ले जाएं तथा उसे हल्की करवट दिलाकर लेटा देना चाहिए ताकि कोई झाग व जीभ कट जाने पर आने वाला खून सांस की नली में न चला जाए। चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

-डा. पवन गोयल, वरिष्ठ चिकित्सक 

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