Road Tax: हरियाणा सरकार को लगाया करोड़ों का चूना, मंत्री के संज्ञान में मामला आते ही मचा हड़कंप
परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि पूरा मामला संज्ञान में आने के बाद मैने खुद पहल की है। प्राथमिकी दर्ज करवाकर पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं।
रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। बावल थाने में बृहस्पतिवार को दर्ज हुई एक बस चालक को रोड टैक्स की फर्जी रसीद देने की शिकायत ने परिवहन विभाग की लचर व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। फर्जी रसीदों से पूरा टैक्स वसूलने वाला गिरोह केवल बावल में सक्रिय नहीं है, बल्कि हरियाणा से सटे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश सहित हर राज्य की सीमा पर इनका जाल फैला है।
मामला संज्ञान में आने के बाद परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के तेवर जहां कड़े हैं वहीं अधिकारियों में हड़कंप मचा है। अब यह बात लगभग साबित हो गई है कि करोड़ों का रोड टैक्स सरकारी खजाने में नहीं बल्कि कुछ लोगों की जेब में पहुंच रहा था।
ठोस जांच से निकलेगा सच
पूरा सच जांच से सामने आएगा। जांच का अहम बिंदु यह है कि इस काली कमाई में आखिर हिस्सेदार कौन हैं। सरकार ने हर राज्य की सीमा पर कुछ लोगों को ऑनलाइन टैक्स जमा करवाने की अनुमति दी हुई है। कुछ लोग लकड़ी या लोहे के खोखों में तो कुछ किसी दुकान में टैक्स जमा करवाने का बोर्ड लगाकर बैठे हुए हैं। वाहन चालक को क्या पता कि इनमें कौन फर्जी है और कौन असली? यह घटना वाहन चालकों के लिए भी सबक है। उन्हें यह देख लेना चाहिए कि जहां वह टैक्स जमा करवा रहे हैं वह सरकारी खजाने में पहुंच रहा है या नहीं। इसके लिए विभागीय स्तर पर ही कोई पारदर्शी सिस्टम विकसित करना होगा।
इस तरह सामने आया मामला
गुरुग्राम की शांति बस सर्विस की बस 18 अगस्त को दिल्ली एयरपोर्ट से जयपुर के लिए रवाना हुई थी। राजस्थान की सीमा के निकट बावल के पास एक स्थान पर ‘राजस्थान का टैक्स यहां जमा करवाएं’ का साइनबोर्ड देखकर चालक कालूराम ने 8500 रुपये जमा रकवाकर रसीद ले ली। राजस्थान में जयपुर से थोड़ा पहले शाहपुर के पास जब राजस्थान के अधिकारियों ने बस की जांच की तो टैक्स की रसीद जाली निकली। बाद में बस मालिक अविनाश पांडे ने बृहस्पतिवार को बावल थाने में मामला दर्ज करवाया और परिवहन मंत्री तक भी गड़बड़ी की सूचना पहुंचाई।
परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि पूरा मामला संज्ञान में आने के बाद मैने खुद पहल की है। प्राथमिकी दर्ज करवाकर पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं। सभी क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरणों के सचिवों को भी अपने-अपने क्षेत्र में ऑनलाइन टैक्स वसूल करने वालों पर निगरानी कड़ी करने के आदेश दिए हैं। दोषियों को किसी हालत में छोड़ेंगे नहीं। ऐसे लोगों की अनुमति छीन ली जाएगी जो गड़बड़ी में संलिप्त मिलेंगे। मेरे पास बावल के मामले से भी पहले कुछ शिकायतें आ रही थी। अब मामला पुख्ता हो गया है तो कार्रवाई भी ठोस होगी। मैं दूसरे राज्यों के परिवहन मंत्रियों को भी पत्र लिखूंगा।
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