सास की हत्या करने वाली पुत्रवधू समेत तीन दोषियों को आजीवन कारावास, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया
आरोपितों ने घर का सामान बिखेर व जेवरात गायब कर पुलिस का ध्यान भटकाने की कोशिश भी थी। लक्ष्मण ने अपनी सिम ज्ञाना देवी के मोबाइल डाल कर चालू कर लिया था जिससे पुलिस उन तक पहुंच गई थी।
रेवाड़ी, जागरण संवाददाता। अवैध संबंधों में बाधा बन रही सास की हत्या करने वाली पुत्रवधू, उसके प्रेमी व एक अन्य युवक को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुलदीप सिंह की अदालत ने आजीवन कारावास व 80 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी आरके श्योराण व एडवोकेट कामरेड राजेंद्र सिंह ने अदालत में मामले की पैरवी की।
सुबह चारपाई पर मिला था शव
गांव कंवाली निवासी 65 वर्षीय ज्ञाना देवी का शव 15 जून 2018 की सुबह घर में चारपाई पर पड़ा हुआ मिला था। कमरे की अलमारी खुली हुई थी तथा अंदर रखे जेवरात व ज्ञाना देवी का मोबाइल गायब था। ज्ञाना देवी के शरीर पर चोट के 15 निशान मिले थे तथा गला घोंट कर हत्या की गई थी। खोल थाना पुलिस ने ज्ञाना देवी के बेटे की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।
पुत्रवधू को किया था गिरफ्तार
जांच के बाद पुलिस ने हत्या के आरोप में ज्ञाना देवी की पुत्रवधू सविता, धारूहेड़ा मोहल्ला खलियावास निवासी लक्ष्मण व धारूहेड़ा की भीम बस्ती निवासी मदन को गिरफ्तार किया था। एडवोकेट कामरेड राजेंद्र सिंह ने बताया कि जांच में पता लगा था कि सविता अपने पति के साथ बल्लभगढ़ स्थित ईंट-भट्ठा पर काम करती थी।
इसी दौरान उसके संबंध लक्ष्मण से बन गए थे। जून 2018 में सविता कंवाली में अपनी सास के पास आकर रहने लगी थी। सास ज्ञाना देवी सविता व लक्ष्मण के बीच बाधा बन रही थी। सविता व लक्ष्मण ने साजिश रच कर 14 जून की रात ज्ञाना देवी की हत्या कर दी थी तथा हत्या में धारूहेडा निवासी मदन भी उनके साथ था।
आरोपितों ने घर का सामान बिखेर व जेवरात गायब कर पुलिस का ध्यान भटकाने की कोशिश भी थी। लक्ष्मण ने अपनी सिम ज्ञाना देवी के मोबाइल डाल कर चालू कर लिया था, जिससे पुलिस उन तक पहुंच गई थी। वारदात की रात लक्ष्मण व मदन की लोकेशन भी कंवाली में मिली थी। पूछताछ में आरोपितों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया था।
मंगलवार को दी सजा
उन्होंने बताया कि अदालत में सुनवाई के दौरान ज्ञाना देवी के बेटे अपने बयानों से पलट गए थे, लेकिन पुलिस द्वारा अदालत के समक्ष रखे गए ठोस सबूत व अधिवक्ताओं द्वारा की गई दलीलों के बाद तीनों को हत्या का दोषी माना। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुलदीप सिंह की अदालत ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा तथा लक्ष्मण व मदन पर 35-35 हजार रुपये तथा सविता पर 10 हजार रुपये जुर्माना किया है।