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देश के प्रति एक मां समर्पण भाव, पति की शहादत के बाद मां भारती को सौंप दिया बेटा

शहीद दिलबाग सिंह की पत्नी सुदेश ने पति की शहादत के बाद अपने बेटे को सेना में भेजकर एक मिसाल कायम की है।

By Amit MishraEdited By: Published: Sat, 12 Aug 2017 05:46 PM (IST)Updated: Sat, 12 Aug 2017 05:46 PM (IST)
देश के प्रति एक मां समर्पण भाव, पति की शहादत के बाद मां भारती को सौंप दिया बेटा
देश के प्रति एक मां समर्पण भाव, पति की शहादत के बाद मां भारती को सौंप दिया बेटा

सोनीपत [परमजीत] एक दिन मरना तो सबको है, लेकिन देश के लिए शहीद होने का मौका किसी-किसी को ही मिलता है। ऐसी सोच रखने वाली शहीद दिलबाग सिंह की पत्नी सुदेश ने पति की शहादत के बाद अपने बेटे को सेना में भेजकर एक मिसाल कायम की।

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आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए दिलबाग सिंह 

गांव आहुलाना निवासी सुदेश की शादी वर्ष 1992 में दिलबाग से हुई थी। अगस्त, 1997 में बारामूला चौकी पर आतंकियों ने हमला कर दिया। आतंकियों से लोहा लेते हुए दिलबाग सिंह शहीद हो गए थे। सांसे थमने से पहले उन्होंने तीन आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था। उस समय सुदेश पर तीन बच्चों की जिम्मेदारी थी।

सेना के अनुरूप बेटे की परवरिश 

बेटा आशीष तीन साल का और एक बेटी डेढ़ साल तो छोटी बेटी कुछ महीनों की ही थी। न भरने वाला जख्म मिलने के बाद भी बेटे को सेना में भेजने की ठानी। पति की शहादत के समय उन्होंने जो शपथ ली कि बेटा भी फौजी बनकर देश की रक्षा ही करेगा। खुद संघर्ष किया, हजारों समस्याएं झेलीं पर बेटे की परवरिश सेना के अनुरूप ही की।

मां का देश के प्रति समर्पण

उनके समर्पण और देश प्रेम का ही परिणाम है चार साल पहले बेटा आशीष भी सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा कर रहा है। अपनी मां का देश के प्रति समर्पण भाव को देखकर बेटी भी सेना में डॉक्टर बनना चाहती है, इसके लिए अभी वह सोनीपत से नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है।

देश से बढ़ कर कुछ भी नहीं

सुदेश का कहना है कि देश की आजादी में लाखों मां-बहनों ने अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। अब उस आजादी को बरकरार रखने के लिए हम कैसे कमजोर पड़ सकते हैं। देश से बढ़ कर मेरे लिए कुछ भी नहीं है। इसलिए पति और बेटे के बाद जरूरत पड़ेगी तो हम मां-बेटी भी तनकर खड़े होंगी।

देश के लिए मर मिटने को तैयार

शहीद के भाई वजीर सिंह कहना है कि मेरे परिवार के लिए देश सर्वोपरि है। हमारा परिवार हर वक्त देश के लिए मर मिटने के लिए तैयार रहता है। मुझे लगता है शहीद ही नहीं बल्कि हर नागरिक को देशसेवा को अपना कर्तव्य मानते हुए तैयार रहना चाहिए। 

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