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कैडेट्स को नौ सेना के इतिहास से कराया अवगत

सैनिक स्कूल में भारतीय नौसेना दिवस धूमधाम से मनाया गया। प्राचार्य कैप्टन आरके शर्मा ने भारतीय नौसेना के अदम्य साहस के विषय में जानकारी दी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 05:14 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 05:14 PM (IST)
कैडेट्स को नौ सेना के इतिहास से कराया अवगत
कैडेट्स को नौ सेना के इतिहास से कराया अवगत

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: सेक्टर चार स्थित सैनिक स्कूल में भारतीय नौसेना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर आयोजित विशेष समारोह में प्राचार्य कैप्टन आरके शर्मा ने भारतीय नौसेना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए भारतीय नौसेना के अदम्य साहस के विषय में जानकारी दी।

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उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय नौसेना दुनिया की शीर्ष नौसेना बलों में से एक है जो न केवल तकनीकी रूप से विकसित सेवा है बल्कि देश की सुरक्षा में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। भारतीय नौसेना विश्व की एक प्रमुख शक्ति बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। कैडेट पीयूष राय ने भारतीय नौसेना के महत्व, इतिहास और देश की रक्षा में योगदान पर व्याख्यान दिया। भारतीय नौसेना सन 1613 में ईस्ट इंडिया कंपनी की युद्धकारिणी सेना के रूप में इंडियन मरीन संगठित की गई। भारत की आजादी के पश्चात 1950 में नौसेना का पुनर्गठन किया गया था इसे भारतीय नौसेना का नाम दिया गया। यह भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग है जो अपने गौरवशाली इतिहास के साथ देश की समुद्री सीमाओं को सुरक्षित करने और साथ ही साथ बंदरगाह यात्राओं, संयुक्त अभ्यास, मानवीय मिशन, आपदा राहत आदि जैसे कई तरीकों से भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बढ़ाने में एक बड़ी भूमिका निभाती है।

कैडेट विशाल राज ने बताया कि 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' के तहत 4 दिसंबर, 1971 को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला बोल दिया था। इस ऑपरेशन की सफलता को याद करते हुए हर साल चार दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है। कार्यक्रम में नौसेना जहाज के आकार का केक प्राचार्य प्रशासनिक अधिकारी, उप प्राचार्य और कैडेट प्रिस ठाकुर ने काट कर नौसैनिकों के द्वारा किए गए बलिदानों को याद किया। इस अवसर पर विद्यालय विद्यालय प्रशासनिक अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल राजीव सिरोही, विद्यालय उप-प्राचार्य विग कमांडर कमल सिंह रावत व समस्त विद्यालय स्टाफ व कर्मचारी गण उपस्थित रहे।


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