नप की पांच दिनों से चुप्पी, पहले से दोगुना हुआ अतिक्रमण
अतिक्रमण को लेकर नगर परिषद ने एक बार फिर से चुप्पी साध ली है। पांच दिनों से नगर परिषद के कर्मचारी शहर के बाजारों में अतिक्रमण हटाने के लिए नहीं निकले हैं।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: अतिक्रमण को लेकर नगर परिषद ने एक बार फिर से चुप्पी साध ली है। पांच दिनों से नगर परिषद के कर्मचारी शहर के बाजारों में अतिक्रमण हटाने के लिए नहीं निकले हैं। अभियान थमते ही अतिक्रमण ने पहले से ज्यादा पैर फैला लिए हैं। आलम यह है कि बाजारों से पैदल निकलना तक मुश्किल हो रहा है। आम आदमी त्रस्त है और नगर परिषद के अधिकारी चुप।
नप की लापरवाही से बिगड़े हालात: शहर के बाजारों में अतिक्रमण के तेजी से पैर फैलाने के पीछे नगर परिषद की लापरवाही ही जिम्मेदार है। नगर परिषद की ओर से बाजारों में हालात को काबू रखने के लिए कभी कभार ही अभियान चलाया जाता है। पिछले कई महीनों से तो नप अधिकारियों ने दफ्तरों से बाहर निकलने की परेशानी ही नहीं उठाई। इसका परिणाम यह रहा कि बाजार पूरी तरह से अतिक्रमणकारियों के कब्जे में आ गए हैं। अतिक्रमण करने वाले व कराने वाले पूरी दबंगता के साथ सरकारी सड़कों पर कब्जा जमाए बैठे हैं और नप अधिकारी मौन साधे हुए हैं। नप अधिकारियों के इस मौन के पीछे कोई बड़ी वजह है जिसका पता लगाना भी अब बेहद आवश्यक हो गया है। नगर परिषद की ओर से अतिक्रमण पर काबू पाने के लिए मुनादी कराई जा चुकी है तथा लगातार कई दिनों तक चालान भी काटे गए लेकिन जो मुख्य जड़ है उसपर कभी वार ही नहीं किया गया। शहर के बाजारों में अतिक्रमण की मुख्य वजह वो 15-20 दुकानदार है जो अतिक्रमण कराते हैं। ये दुकानदार मोटा किराया वसूलते हैं और अपनी दुकानों के बाहर सरकारी सड़क पर अतिक्रमण कराते हैं। अतिक्रमण हटाने के लिए जब टीम पहुंचती है तो अतिक्रमणकारियों के सामान को भी ये लोग ही अपनी दुकानों में छिपाते हैं।
वीडियोग्राफी कराएं तो सामने आए सच: शहर के बाजारों में अगर वीडियोग्राफी कराई जाए तो अतिक्रमण का पूरा सच सामने आ सकता है। बाजार में गिने-चुने 15-20 ऐसे दुकानदार है जो अतिक्रमण का यह पूरा खेल कर रहे हैं। इन दुकानदारों को भी अगर कार्रवाई के दायरे में शामिल कर लिया जाए तो निश्चित तौर पर अतिक्रमण पर नकेल कसी जा सकती है। बार-बार अभियान रोकना घातक: नप की ओर से हर बार तीन-चार दिनों के लिए अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई की जाती है और फिर बाद में लंबी चुप्पी साध ली जाती है। ऐसे में दुकानदारों को भी अब यह जानकारी हो गई है कि नप अतिक्रमण हटाने के लिए कतई गंभीर नहीं है। बस दिखावे के लिए दो तीन दिन बाजारों में निकलेंगे और फिर चुप्पी साधकर बैठ जाएंगे। अतिक्रमणकारियों के खिलाफ अभियान रूका नहीं है। पहले ही चेतावनी दी जा चुकी है तथा चालान भी काटे जा चुके हैं। अतिक्रमणकारी अगर बाज नहीं आते हैं तो निश्चित तौर पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अतिक्रमण के खिलाफ कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
-रविद्र यादव, एसडीएम एवं प्रशासक नप।