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पिछड़ा वर्ग क्रीमीलेयर को लेकर सौंपा ज्ञापन

मूलनिवासी बहुजन संगठनों की अखिल भारतीय सहयोग एवं समन्वय समिति की ओर से प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के अधिकारों को लेकर राज्यपाल के नाम सीटीएम देवेंद्र शर्मा को ज्ञापन सौंपा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 11:19 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 11:19 PM (IST)
पिछड़ा वर्ग क्रीमीलेयर को लेकर सौंपा ज्ञापन
पिछड़ा वर्ग क्रीमीलेयर को लेकर सौंपा ज्ञापन

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: मूलनिवासी बहुजन संगठनों की अखिल भारतीय सहयोग एवं समन्वय समिति की ओर से प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के अधिकारों को लेकर राज्यपाल के नाम सीटीएम देवेंद्र शर्मा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में समिति के पदाधिकारियों ने पिछड़ा वर्ग क्रीमीलेयर संबंधी 17 नवंबर 2021 वाली अधिसूचना को रद किया जाए, क्योंकि भारत के संविधान में क्रीमीलेयर की उल्लेख नहीं है।

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इससे भी भयानक बात यह है कि आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए केंद्र सरकार द्वारा यह सीमा आठ लाख रुपये निर्धारित की गई है। जबकि हरियाणा सरकार ने इसे छह लाख रुपये निर्धारित कर दिया है तथा इसमें कृषि एवं अन्य प्रकार की आय को भी शामिल कर दिया है। वहीं आरक्षण प्रतिनिधित्व का मसला गरीबी मिटाने का कार्यक्रम नहीं है। गरीबी को खत्म करने के लिए सरकार अन्य योजनाएं बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि पदोन्नति में ओबीसी को संख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए। ओबीसी की जाति आधारित जनगणना करवाई जाए तथा संख्या के अनुपात में नवीनतम आंकड़ों के अनुसार उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए। सभी सरकारी विभागों में ओबीसी का बैकलाग भरा जाए। इसके अलावा सरकारी ठेकों में ओबीसी का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए तथा ओबीसी को संख्या के अनुपात में बजट दिया जाए। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से संविधान की व्यवस्था के अनुसार ओबीसी को उचित हिस्सा दिलाने की मांग की गई। इस मौके पर बाबूलाल, दौलतराम, हेमंत कुमार, ईश्वर सिंह, ओपी नाहरवाल, रामअवतार आदि मौजूद रहे। वेबीनार में हुई विभिन्न विषयों पर चर्चा

जासं, रेवाड़ी: इंडियन फर्टिलिटी सोसायटी की ओर से वेबीनार हुआ। वेबीनार में टेस्ट ट्यूब बेबी उपचार को लेकर चर्चा की गई। डा. सीमा मित्तल ने कहा कि वर्तमान परिवेश में संतान उत्पत्ति को लेकर दंपतियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन हालातों में टेस्ट ट्यूब विधि का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें सुधार की अभी और आवश्यकता है। लैब के वातावरण व गर्भाश्य के सतह से जुड़ी जानकारियां भी साझा की गई। वेबीनार में डा. सोनू बल्हारा, डा. सुधा प्रसाद, डा. आभा मजूमदार, डा. सोनिया मलिक एवं डा. केडी नायर, डा. सीमा, सोनू, गुरुग्राम से डा. नीरू ठाकराल, शालु गुप्ता, रीमा जैन, प्रिया वाष्णेय तथा रोहतक से डा. पूजा सिन्हा ने अपने विचार साझा किए। इंडियन फर्टिलिटी सोसायटी हरियाणा की कोषाध्यक्ष डा. सीमा ने बताया की ऐसे आयोजन से बांझपन से प्रभावित महिलाओं को बेहतर उपचार मिलने की राह प्रशस्त होती है।


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