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अधिकारियों का जवाब, मैंने हादसे में घायल व मृतक के बारे में नहीं सुना

जैनपुर आंतरी गांव में 19 जनवरी को पहाड़ दरकने के बाद हुए हादसे में एक मजूदर की मौत होने की घटना तो सबको पता है लेकिन इस घटना के बाद हुए ड्रामे ने वन खनन और पंचायत विभाग की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। दैनिक जागरण ने पर्दे के पीछे घटित हुए घटनाक्रम का खुलासा किया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 10:35 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 10:35 PM (IST)
अधिकारियों का जवाब, मैंने हादसे में घायल व मृतक के बारे में नहीं सुना
अधिकारियों का जवाब, मैंने हादसे में घायल व मृतक के बारे में नहीं सुना

जागरण संवाददाता, नारनौल: जैनपुर आंतरी गांव में 19 जनवरी को पहाड़ दरकने के बाद हुए हादसे में एक मजूदर की मौत होने की घटना तो सबको पता है, लेकिन इस घटना के बाद हुए ड्रामे ने वन, खनन और पंचायत विभाग की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। दैनिक जागरण ने पर्दे के पीछे घटित हुए घटनाक्रम का खुलासा किया है। आप हैरान होंगे कि जिम्मेदार विभागों के अधिकारी अपना बचाव करने के लिए इस तरह के अटपटे जवाब भी दे सकते हैं।

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असल में गांव जैनपुर की पहाड़ी में हादसा 19 जनवरी की सुबह साढ़े दस बजे घटित हुआ था। यहां पर अवैध खनन चल रहा था। खनन माफिया यहां पर रात को विस्फोटक लगाकर पहाड़ में दरार बनाते थे और सुबह आकर अर्थमूवर मशीन की सहायता से ट्रैक्टर ट्राली में पत्थरों को डालकर ले जाते थे। 19 जनवरी को भी यही किया जा रहा था और पहाड़ से बहुत बड़ा पत्थर दरक कर नीचे गिर गया। उस समय एक मजदूर नीचे से पत्थर समेटने का कार्य कर रहा था और वह पत्थर के नीचे दब गया और उसकी मौत हो गई।

हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, वन, खनन और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो तब तक खनन माफिया मजदूर को लेकर मौके से फरार हो चुके थे। अब इस मामले में कार्रवाई कौन करे। नांगल चौधरी पुलिस ने खनन विभाग के संबंधित अधिकारी से शिकायत देने के लिए बोला तो खनन निरीक्षक ने कहा कि यह वन विभाग की जगह है। मैं आपको इसकी दरखास्त नहीं दूंगा। मैंने किसी घायल और मृतक के बारे में नहीं सुना है। पहले मैं अपने अधिकारियों से बात करूंगा। वन विभाग के डिप्टी रेंजर से दरखास्त देने के लिए बोला गया तो उन्होंने जवाब दिया कि वह अंडर ट्रेनिग हैं ।इस संबंध में रेंजर साहब ही देखेंगे। सुबह साढ़े दस बजे हुए इस हादसे को लेकर दिनभर ड्रामा चला और रात साढ़े दस बजे पुलिस को खुद शिकायतकर्ता बनना पड़ा। दैनिक जागरण के पास पुलिस द्वारा दर्ज रोजनामचे की रिपोर्ट है, जिसमें उक्त अधिकारियों के बयानों का उल्लेख किया गया है।


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