तेज रफ्तार ने एक झटके में छीन लिए तीन घरों के चिराग
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बुधवार को ट्राला चालक की लापरवाही ने तीन परिवारों के चिराग बुझा दिए। तेज रफ्तार डंपर ने सड़क किनारे खड़े चार दोस्तों को टक्कर मार दी जिसमें से तीन की मौके पर ही मौत हो गई। जिले में यह कोई पहला हादसा नहीं है जिसमें इस तरह से कई घरों के चिराग बुझ गए हों। हादसों का सिलसिला साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बुधवार को ट्राला चालक की लापरवाही ने तीन परिवारों के चिराग बुझा दिए। तेज रफ्तार डंपर ने सड़क किनारे खड़े चार दोस्तों को टक्कर मार दी जिसमें से तीन की मौके पर ही मौत हो गई। जिले में यह कोई पहला हादसा नहीं है जिसमें इस तरह से कई घरों के चिराग बुझ गए हों। हादसों का सिलसिला साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है। दो दिन पूर्व भी राव अभय सिंह चौक पर तेज रफ्तार वाहन ने गुरुग्राम जिले के गांव मिलकपुर निवासी पंकज नामक युवक की जान छीन ली थी। तेजी से बढ़ रहे इन सड़क हादसों के पीछे का कारण अकसर तेज रफ्तार या फिर सड़कों में मौजूद खामियां ही रहती है। बुधवार को हुए हादसे का कारण भी तेज रफ्तार रही।
भयानक हादसे से कांप गई रुह: जोनियावास गांव के निकट हुए हादसे में डंपर चालक ने सड़क किनारे खड़े होकर बातचीत कर रहे युवकों की पहले मोटरसाइकिल को टक्कर मारी, फिर नीचे खड़े दोनों युवकों को कुचल दिया। हादसे की भयावहता ने वहां मौजूद लोगों को दहला कर रख दिया। एक युवक डंपर की टक्कर लगने के बाद करीब 200 फीट दूर उछल कर जा गिरा। तीनों ही युवकों के स्वजन सदमे में है। इकलौते बेटे थे अंकित और योगेश: नागरिक अस्पताल में मौजूद अलवर के गांव गढ़ी के ग्रामीणों ने बताया कि 20 वर्षीय योगेश परिवार के इकलौते बेटे थे। उनकी दो बड़ी बहनें है। योगेश धारूहेड़ा क्षेत्र में श्रमिक उपलब्ध करने से संबंधित काम करते थे और यहीं पर एक पीजी में रहते थे। उनकी दोनों बहनों की शादी हो चुकी है, जबकि योगेश अभी अविवाहित थे। वहीं गांव रायपुर निवासी 21 वर्षीय अंकित भी अपने परिवार के इकलौते चिराग थे। परिवार में माता-पिता व एक बहन है। अंकित की इसी वर्ष फरवरी माह में शादी हुई थी और धारूहेड़ा की एक कंपनी में काम करते थे। परिवार का सहारा थे मुस्तकीम: जिला नूंह के गांव घासेड़ा निवासी 23 वर्षीय मुस्तकीम अपने परिवार का सहारा थे। मुस्तकीम के परिवार में मां के अलावा तीन बहनें व एक छोटा भाई है। करीब छह वर्ष पहले मुस्तकीम के पिता की मौत हो गई थी। मुस्तकीम धारूहेड़ा में रह कर मजदूरी करते थे और परिवार का खर्च चलाते थे। मुस्तकीम की करीब एक साल पहले शादी हुई थी। हादसे ने परिवार का सहारा छीन लिया। ओवर स्पीड के कारण हुआ हादसा: दिल्ली-जयपुर हाईवे पर गांव जोनियावास के निकट हुए हादसे का कारण डंपर की ओवर स्पीड माना जा रहा है। हादसे के सही कारण पुलिस की जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएंगे, लेकिन प्राथमिक जांच में सामने आया है कि दिल्ली की ओर से जयपुर की तरफ जा रहे डंपर की गति बहुत अधिक थी जिसके कारण ही चालक उसपर से नियंत्रण खो बैठा।