समृद्ध है हरियाणवी कला व संस्कृति: जोशी
हरियाणा कला परिषद गुरुग्राम मंडल के क्षेत्रीय निदेशक महेश जोशी ने कहा कि हरियाणवी कला व समृद्धि समृद्ध है। कला परिषद का उद्देश्य बच्चों में छिपी हुई प्रतिभा को निखारना तथा उन्हें एक प्लेटफार्म देकर उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण देना है। हरियाणवी संस्कृति की पहचान बरकरार रखने के लिए ही कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। जोशी हरियाणा कला परिषद गुरुग्राम मंडल के तत्वाधान में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रेवाड़ी में आयोजित 11 दिवसीय हरियाणवी नृत्य कार्यशाला के समापन पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी:
हरियाणा कला परिषद गुरुग्राम मंडल के क्षेत्रीय निदेशक महेश जोशी ने कहा कि हरियाणवी कला व समृद्धि समृद्ध है। कला परिषद का उद्देश्य बच्चों में छिपी हुई प्रतिभा को निखारना तथा उन्हें एक प्लेटफार्म देकर उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण देना है। हरियाणवी संस्कृति की पहचान बरकरार रखने के लिए ही कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। जोशी हरियाणा कला परिषद गुरुग्राम मंडल के तत्वाधान में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रेवाड़ी में आयोजित 11 दिवसीय हरियाणवी नृत्य कार्यशाला के समापन पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
इस कार्यशाला में बच्चों को हरियाणवी संस्कृति, कला, नृत्य व संगीत के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। इसमें जिले के 105 बच्चों ने भाग लिया। जोशी ने कहा कि हरियाणा वह प्रदेश है, जिसने सबसे कम समय में सबसे अधिक प्रगति की है, लेकिन यहाँ के लोगों का रहन-सहन बहुत ही सादा रहा है। यहां के लोग सरल, विनम्र और जमीन से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि कार्यशाला के निर्देशक विवेक यादव के निर्देशन में इस 11 दिवसीय हरियाणवी नृत्य कार्यशाला में छात्राओं को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में संगीत निर्देशक प्रशांत मेहंदीरत्ता के निर्देशन में ढोलक पर गौरव व नगाड़ी पर नरेंद्र ने संगीत की प्रस्तुति दी। कार्यशाला के समापन अवसर पर समीक्षक के रूप में हरियाणा कला परिषद गुरुग्राम मंडल के समन्वयक मदन डागर भी मौजूद थे। कार्यशाला में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर आधारित नृत्य ¨हदुस्तान देखना चाहू सूं व फागुन आयो री आयो री की भी तैयारी करवाई गई। इस अवसर पर संगीत अध्यापिका शशिकला, सहायक कोरियोग्राफर सागर सैनी, रंगकर्मी भगवान ¨सह, झम्मन ¨सह सैनी, यश चौधरी, आदित्य डाटा, अभिषेक सैनी, विनू आदि मौजूद थे।