रेवाड़ी के गगन की जीभ 7.2 सेमी. चौड़ी, गिनीज बुक में दर्ज
-शहर के मोहल्ला बास सिताबराय निवासी गगन भारद्वाज ने की जीभ है 7.2 सेमी. चौड़ी, टिनएजर मेल ग्रुप में हासिल की उपलब्धि -12वीं कक्षा का छात्र है गगन अमित सैनी, रेवाड़ी: जहां चाह वहां राह वाली कहावत को चरितार्थ करके दिखाया है शहर के मोहल्ला बास सिताबराय निवासी गगन भारद्वाज ने। 12वीं कक्षा के छात्र गगन का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुआ है। गगन की जीभ 7.2 सेमी. चौड़ी
अमित सैनी, रेवाड़ी
शहर के मोहल्ला बास सिताबराय निवासी 12वीं कक्षा के छात्र गगन की जीभ 7.2 सेमी. चौड़ी है और इसी विशेषता ने उन्हें खास बना दिया है। टीएनएजर ग्रुप (किशोर वर्ग) में उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुआ है।
दादी की जीभ देखकर आया था पोते को आइडिया
मोहल्ला बास सिताबराय निवासी एयरफोर्स कर्मी संजीव भारद्वाज व विभा भारद्वाज का बेटा गगन बचपन से ही अपनी दादी सावित्रीबाई की बड़ी जीभ देखकर उत्साहित होता था। दादी की चौड़ी जीभ को देखकर उसने गूगल पर चौड़ी जीभ के बारे में आर्टिकल पढ़ने शुरू कर दिए। मालूम चला कि चौड़ी जीभ का वर्ल्ड रिकार्ड यूनाइटेड स्टेट निवासी बाइरान स्केलेंकर के नाम पर दर्ज है। उनकी जीभ की चौड़ाई 8.57 सेमी. है। 21 दिसंबर 2017 को अपने जन्मदिन पर गगन ने अपनी जीभ को नापा तो वह 7.2 सेमी चौड़ी निकली। गगन ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में टीन एजर मेल यानि किशोर वर्ग की श्रेणी भी खंगाली। यह रिकार्ड वर्ष 2013 में नार्वे के नोह ब्रोविज होग्स्टोल के नाम दर्ज हुआ था। उनकी जीभ की चौड़ाई 6.1 सेमी. थी।
दिल्ली में जाकर कराई जांच
गगन अपनी जीभ की चौड़ाई नपवाने के लिए अप्रैल माह में दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में अपने माता-पिता के साथ पहुंचे। यहां ईएनटी के तीन विशेषज्ञों की टीम ने गगन की जीभ की चौड़ाई मापी। जीभ की चौड़ाई 7.2 सेमी. निकली जो वर्ल्ड रिकार्ड बनाने वाले नार्वे निवासी किशोर से कहीं अधिक थी। गगन ने जांच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई और वीडियो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के कार्यालय में भेज दिया। चिकित्सकों की रिपोर्ट एवं अन्य दस्तावेज भी लगाए। उसकी मेहनत रंग लाई और आखिर वह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में टीनएजर मेल ग्रुप में सबसे चौड़ी जीभ की श्रेणी में शामिल हो गया है। गगन के ताऊ बीपी भारद्वाज का कहना है कि उनके भतीजे ने अपने प्रयासों से यह सफलता हासिल करके सिर्फ रेवाड़ी ही नहीं देश का नाम रोशन किया है।