जारी रहा किसानों का धरना, टोल को कराया फ्री
दिल्ली-जयपुर हाईवे व रोहतक हाईवे पर किसानों का धरना शनिवार को भी जारी रहा। शाहजहांपुर बार्डर पर विभिन्न राज्यों के किसानों के आने का सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा। रोहतक हाईवे पर किसानों ने गंगायचा स्थित टोल को फ्री कराया। किसानों द्वारा टोल के पास ही धरना दिया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : दिल्ली-जयपुर हाईवे व रोहतक हाईवे पर किसानों का धरना शनिवार को भी जारी रहा। शाहजहांपुर बार्डर पर विभिन्न राज्यों के किसानों के आने का सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा। रोहतक हाईवे पर किसानों ने गंगायचा स्थित टोल को फ्री कराया। किसानों द्वारा टोल के पास ही धरना दिया जा रहा है।
शाहजहांपुर बार्डर पर शनिवार को समाज सेविका मेधा पाटकर भी धरना स्थल पर पहुंची। इसके अतिरिक्त जम्मू से 70 किसानों के साथ सत्यप्रकाश सिंह भी अपना समर्थन देने के लिए शाहजहांपुर बार्डर पर पहुंचे। दूसरी ओर जय किसान आंदोलन के जिला प्रधान मास्टर धर्म सिंह के नेतृत्व में किसानों का टोल प्लाजा पर धरना जारी रहा। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने भी टोल प्लाजा पर पहुंच कर किसानों को अपना समर्थन दिया। किसानों ने एनएच-352 टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों को टोल फ्री करवाया। इस मौके पर सांवलराम आलियावास, तोताराम आलियावास, महाबीर गंगायचा जाट, रमेश गंगायचा जाट, पंकज लाला, पूर्णमल कन्होरी, वेद प्रकाश विद्रोही, वेदप्रकाश मौजूद थे।
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उठने लगे हैं विरोध के स्वर दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित खेड़ा बार्डर पर 28 दिनों से धरना चल रहा है, जिसके कारण हाईवे पर यातायात बुरी तरह से बाधित हो रहा है। इसके अतिरिक्त पेट्रोल पंप, ढाबे व अन्य कारोबार पूरी तरह से ठप पड़े हुए हैं। स्थानीय लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है, जिसके चलते विरोध के स्वर भी उठने लगे है। शनिवार को बार्डर के आसपास स्थित पेट्रेाल पंप संचालकों, कर्मचारियों, दुकानदारों व ग्रामीणों द्वारा हाईवे जाम करने का विरोध किया गया। ग्रामीणों का कहना था कि पिछले करीब एक माह से हाइवे बंद है। वाहन उनके गांवों से होकर गुजर रहे है तथा दिन-रात गांवों में जाम की स्थिति बनी हुई है। ग्रामीणों को अपने गांवों से बाहर जाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। पेट्रोल पंप संचालकों ने कहा कि पिछले एक माह से उनके पेट्रोल पंप बंद पड़े हुए हैं। वह किसान आंदोलन के विरोध में नहीं हैं, लेकिन हाईवे को बंद रखना सही नहीं है। आंदोलनकारी किसान हाईवे पर एक तरफ बैठ कर भी अपना रोष प्रकट कर सकते हैं। ग्रामीणों व पेट्रोल पंप संचालकों ने शनिवार को किसान नेताओं से मुलाकात कर हाईवे खोलने की मांग की है। वहीं ग्रामीणों ने कहा कि सरकार को बीच का रास्ता निकालकर समाधान कराने का प्रयास करना चाहिए। किसान नेताओं ने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जाना चाहते हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाते हुए किसानों को खेड़ा बार्डर पर रोक दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी हठधर्मिता छोड़कर किसानों की बात मान लेनी चाहिए।
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