ई-वे बिल से व्यापारियों को फिलहाल राहत मिली
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : राज्य के अंदर और दूसरे राज्य में 50 हजार रुपये से अधिक का सा
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : राज्य के अंदर और दूसरे राज्य में 50 हजार रुपये से अधिक का सामान लाने एवं ले जाने वाले व्यापारियों को फिलहाल केंद्र सरकार ने राहत दे दी है। ई-वे बिल जनरेट करने में आ रही परेशानियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसे आगामी आदेशों तक वैकल्पिक करने के निर्देश दिए हैं। इससे व्यापारी आगामी आदेशों तक बगैर ई-वे बिल के सामान ले जा सकते हैं। केंद्र सरकार ने एक फरवरी से दूसरे राज्यों में सामान भेजने के लिए ई-वे बिल की अनिवार्यता लागू की थी, लेकिन इसी बीच जनवरी में पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ करते हुए राज्य के अंदर भी इसे एक फरवरी से अनिवार्य किया था। इसको अनिवार्य किए जाने के बाद 31 जनवरी को जैसे ही बिल जरनेट होने लगा तो वेबसाइट पर अधिक लोड की वजह से यह क्रश हो गई थी, जिसकी वजह से ट्रांसपोर्टर को काफी मुश्किल हो गई थी। अभी तक इसी स्थिति के बरकरार रहने की वजह से सरकार ने ई-वे बिल को आगामी आदेशों तक अनिवार्य करने की बजाय वैकल्पिक कर दिया है। बिल आसानी से जनरेट हो जाता है तो व्यापारी अथवा माल भेजने वाला या पाना वाला कोई एक जनरेट कर सकता है। इसके नहीं होने की स्थिति में भी आबकारी विभाग इसके नहीं होने की स्थिति में भी जुर्माना नहीं वसूल पाएगा, जिससे व्यापारियों को आ रही परेशानियों से फिलहाल राहत दे दी गई है। शहर की अनाज मंडी में ट्रांसपोर्ट का कार्य करने वाले अशोक कुमार ने बताया कि फिलहाल दिक्कत आ रही है, लेकिन इस व्यवस्था में और अधिक सुधार करके ही इसे लागू किया जाना चाहिए।
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ई-वे बिल जनरेट करने में आ रही दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए फिलहाल इसे आगामी आदेशों तक वैकल्पिक कर दिया गया है। जो व्यापारी सामान मंगाते हैं अथवा भेजते हैं, वे बगैर ई-वे बिल के ही ऐसा कर सकते हैं। फिलहाल इसे अनिवार्य नहीं किए जाने तक कोई जुर्माना वसूला नहीं जाएगा।
-नीरज गर्ग, ईटीओ, आबकारी कराधान विभाग।