आज से स्कूलों में पहुंचेंगे चौथी-पांचवीं के विद्यार्थी
करीब छह माह बाद बुधवार को चौथी-पांचवीं कक्षा के विद्यार्थी स्कूलों में पहुंचकर अध्यापकों के सामने बैठकर पढ़ाई करेंगे। सरकार की तरफ से चौथी-पांचवीं कक्षाओं के खुलने की अनुमति मिलने के बाद से ही स्कूलों में तैयारियां शुरू हो गई थीं।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: करीब छह माह बाद बुधवार को चौथी-पांचवीं कक्षा के विद्यार्थी स्कूलों में पहुंचकर अध्यापकों के सामने बैठकर पढ़ाई करेंगे। सरकार की तरफ से चौथी-पांचवीं कक्षाओं के खुलने की अनुमति मिलने के बाद से ही स्कूलों में तैयारियां शुरू हो गई थीं। स्कूलों में बिल्डिंग, फर्नीचर को सैनिटाइजर कराने के साथ ही साफ-सफाई कराई गई है। वहीं कोरोना महामारी से कैसे बचाव किया जाए, क्या-क्या सावधानियां बरती जाए आदि के वीडियो निदेशालय की तरफ से पहले ही शिक्षकों व अभिभावकों को उपलब्ध कराए जा चुके हैं।
बता दें कि अप्रैल में कोरोना महामारी का संक्रमण बढ़ने के चलते सरकार की तरफ से स्कूलों को बंद कर दिया गया था। कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद पहले चरण में 16 जुलाई से सरकार की तरफ से नौवीं से बारहवीं तथा दूसरे चरण में छठी से आठवीं के स्कूलों को 23 जुलाई से खोला जा चुका है। वहीं अब बुधवार से चौथी-पांचवीं की कक्षाएं शुरू की जा रही हैं।
इन नियमों का करना होगा पालन
- सभी स्कूलों में मानक संचालन प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करना होगा।
- विद्यार्थियों के लिए अभिभावकों की लिखित सहमति अनिवार्य है।
- विद्यालय मुखिया बिल्डिंग व फर्नीचर को अच्छे से सैनिटाइज कराएंगे।
- विद्यालय में विद्यार्थियों की 50 फीसद रोस्टर का अनुपालन किया जाए।
- प्रत्येक कक्षा को अलग-अलग समय पर बुलाया जाए तथा भेजा जाए।
- प्रत्येक कक्षा को अलग-अलग रखा जाए।
- विद्यार्थियों के बीच छह फीट की दूरी का विशेष ध्यान रखा जाए।
- सभी अध्यापकों के कोविड टीकाकरण को प्राथमिकता दी जाए।
- सभी विद्यार्थियों व शिक्षकों का तापमान अवसर एप पर रोजाना भरें तथा मुखिया निगरानी रखें।
- दूरवर्ती शिक्षा कार्यक्रम जारी रहेगा तथा कक्षा में उपस्थिति के लिए बच्चों पर दबाव न बनाएं। चौथी-पांचवीं कक्षाओं के लिए भी छठी से बारहवीं कक्षा हेतु जारी की गई गाइडलाइन पालन करना होगा। जिला, खंड व कलस्टर स्तर पर हमारी टीमें स्कूलों में जाकर एसओपी के पालन की जांच कर रही हैं। अगर कोई स्कूल एसओपी का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई के लिए निदेशालय को लिखा जाएगा।
- कपिल पूनिया, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी