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संक्रमित बच्चों का सिटी स्कैन कराने से बचने की सलाह

कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों में बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं। यह राहत की बात है कि अधिकांश बच्चे जल्द स्वस्थ हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 04:43 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 04:43 PM (IST)
संक्रमित बच्चों का सिटी स्कैन कराने से बचने की सलाह

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों में बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं। यह राहत की बात है कि अधिकांश बच्चे जल्द स्वस्थ हो रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञों के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में रेमडेसिविर नहीं देने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा बच्चों में कोविड-19 संक्रमण के निदान प्रबंधन में छाती का सीटी स्कैन करने से बचने की सलाह दी गई है। पिछली बार दूसरी लहर के दौरान रेमडेसिविर और सीटी स्कैन खूब हुई थी।

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स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सतर्कता बरती गई है। नागरिक अस्पताल में वेंटीलेटर और अन्य सुविधाओं से युक्त बाल चिकित्सा गहन देखभाल इकाई (पीआइसीयू) केंद्र स्थापित किया गया है ताकि किसी भी बच्चे को दिक्कत होने पर तत्काल उपचार किया जा सके। पिछले चार दिनों के दौरान जिले में 46 बच्चे कोरोना संक्रमित मिले हैं। इनकी उम्र 16 साल से कम है। अभी तक सभी बच्चे घर पर स्वजन और स्वास्थ्य विभाग के टीम की निगरानी में हैं।

बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि जिन घरों में माता-पिता या अन्य स्वजन संक्रमित हो रहे हैं उनके संपर्क में आने से बच्चों पर असर पड़ रहा है। जब तक बच्चों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं तब तक उनका सीटी स्कैन करने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा बच्चों में रेमेडेसिविर या किसी प्रकार की एंटीबायोटिक दवा देने से बचना चाहिए।

बच्चों में बताए गए हैं कोविड के नौ लक्षण: नागरिक अस्प्ताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. मदन यादव का कहना है कि विभिन्न प्रकार के अनुसंधान और आकलन के आधार पर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बच्चों में कोविड संक्रमण के 11 लक्षण बताए गए हैं। ये लक्षण मौसमी बीमारियों की तरह हैं, लेकिन कोविड सैंपल में संक्रमण की पुष्टि होने पर आधिकारिक माना गया है। इन लक्षणों में मुख्य रूप से चार दिनों से लगातार बुखार आना, सामान्य आक्सीजन स्तर 94 प्रतिशत से कम होना, हाथ पैर का ठंडा पड़ना, सांस तेज चलना, त्वचा में चकते पड़ना, आंखों और जीभ में लाली, हाथों और पैरों की त्वचा में सूजन, खाना कम करना, बच्चे का सुस्त पड़ना, मूत्र उत्पादन कम होने की शिकायत हो तो बाल रोग विशेषज्ञ से जरूर परामर्श लेना चाहिए।

मध्यम और गंभीर लक्षण वाले बच्चों पर दें विशेष ध्यान: कोरोना संक्रमण के लक्षणों को मुख्य रूप से चार भागों में बांटा गया है। इसमें बिना लक्षण, हलके लक्षण, मध्यम और गंभीर लक्षण शामिल हैं। बिना लक्षण और हलके लक्षण वाले बच्चे घर पर उचित देखभाल और खानपान में सुधार करने से जल्द स्वस्थ हो जाते हैं। डा. मदन यादव का कहना है कि मध्यम और गंभीर लक्षण वाले बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता होती है। मध्यम लक्षण में सामान्यत: बुखार आना, खांसी जुकाम होना, नाक से पानी बहना, गले में खराश, शरीर या सिर्फ सिर दर्द, दस्त, भूख कम होना, उल्टी, स्वाद और सूंघने की क्षमता नहीं होने के अलावा निमोनिया, सांस तेज चलना और सामान्य स्तर पर आक्सीजन स्तर 90 से 93 प्रतिशत रहता है तो चिकित्सक को दिखाकर कोविड अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इसी प्रकार गंभीर लक्षण में आक्सीजन स्तर 90 प्रतिशत से कम हो, पसली चलना, दौरा पड़ना, नीला पड़ जाना, दूध या पानी नहीं पीना, एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिड्रोम (एआरडीएस), शाक आना, किसी अंग का विकार होना आदि की स्थिति में आइसीयू में भर्ती कर तुरंत आक्सीजन की व्यवस्था कर उपचार करना चाहिए।

खानपान पर दें ध्यान:

- सामान्य स्थिति में बच्चों की किसी अन्य बीमारी की दवा खिला रहे हैं तो जारी रखें, लेकिन कोविड से संबंधित किसी प्रकार की दवा देने की जरूरत नहीं।

- दवा देना ही पड़े तो सिर्फ पैरासिटामल 10 से 15 एमजी का दिन में तीन से चार बार।

- गर्म पानी का गरारा करते रहें, ठंडे खानपान से परहेज करें

- शरीर में पानी की कमी नहीं हो इसके लिए नारियल पानी, दाल का पानी, पौष्टिक आहार का सेवन करते रहें।

- घर पर रहें तो भी मुंह पर मास्क लगाएं, कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करें, साफ-सफाई का ध्यान रखें।


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