Move to Jagran APP

अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : नीमराणा निवासी एक युवक ने यहां के एक निजी अस्पताल पर उसकी पत्

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Nov 2017 08:02 PM (IST)Updated: Sat, 25 Nov 2017 08:02 PM (IST)
अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप
अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : नीमराणा निवासी एक युवक ने यहां के एक निजी अस्पताल पर उसकी पत्नी के उपचार में गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। महिला के परिजनों ने अस्पताल परिसर में रोष जताया। दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन ने सभी आरोपों को निराधार बताया है।

loksabha election banner

नीमराणा निवासी प्रेमवीर ¨सह ने बताया कि उसकी पत्नी की डिलिवरी होनी थी। 22 नवंबर को उसने अपनी पत्नी ज्योति को अस्पताल में भर्ती कराया था। उन्हें जिस महिला चिकित्सक से उपचार करवाना था, वह अस्पताल में थी ही नहीं, लेकिन उन्हें गलत जानकारी दे दी गई। शाम को उसकी पत्नी को सिजेरियन से बेटी हुई थी। आपरेशन के बाद खून का रिसाव बंद नहीं हुआ तो डॉक्टरों ने कहा कि महिला की जान को खतरा है और बच्चेदानी को निकालना पड़ेगा। बच्चेदानी को निकालने के लिए दोबारा से आपरेशन किया, इसके बावजूद उसकी पत्नी की हालत में सुधार नहीं हुआ। इस बार पेशाब की थैली में दिक्कत बताकर मरीज को चंडीगढ़ ले जाने के लिए बोल दिया। अब भी उसकी पत्नी की हालत नाजुक बनी हुई है। डॉक्टरों की लापरवाही के कारण ही उसकी पत्नी की हालत बिगड़ी है। महिला के परिजन शिकायत लेकर उपायुक्त कार्यालय भी पहुंचे।

वहीं अस्पताल के चिकित्सक का कहना है कि यह दूसरी बार सिजेरियन का केस है। क्रिटिकल सिच्यूएशन थी। एचबी केवल 7.8 था। पहली बार सिजेरियन के समय का भी कुछ चिपका हुआ था। बी नेगेटिव ग्रुप की इस महिला व परिजनों को 22 नवंबर को भर्ती के समय ही संभावित खतरे के बारे में बता दिया था। हमने किसी के नाम का दुरुपयोग नहीं किया। शाम को सिजेरियन के बाद ब्ल¨डग शुरू हो गई थी। चिकित्सा विज्ञान में पीपीएच (पोस्ट पार्टम हैमरेज) की स्थिति में पहले मेडिकल मैनेजमेंट के प्रयास होते हैं। इसके बाद सर्जिकल मैनेजमेंट के। जब मेडिकल मैनेजमेंट से बात नहीं बनी तो सर्जिकल मैनेजमेंट किया गया। एक सर्जन को अलग से भी बुलाया गया। पुराने सिजेरियन की जटिलताओं के कारण बच्चेदानी को निकालने के दौरान पेशाब की थैली की इंजरी हुई। अधिक रक्तस्त्राव के कारण हमने व रोगी के अभिभावकों ने मिलकर विभिन्न स्थानों से रक्त का प्रबंध किया। जान बचाने के लिए जो भी संभव था, वह किया गया। हम मरीज को चंडीगढ़ इसलिए भेज रहे थे, क्योंकि ब्लेडर की इंजरी के लिए यूरोलाजिस्ट की जरूरत है। रोगी अब ठीक है। सिर्फ ब्लेडर इंजरी के उपचार के लिए ही उसे रेफर किया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.