महोत्सव में संस्कृत की महत्ता पर मंथन
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : अखिल भारतीय साहित्य परिषद की रेवाड़ी शाखा की ओर से मॉडल टाउन स्थित वृंदा गा
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : अखिल भारतीय साहित्य परिषद की रेवाड़ी शाखा की ओर से मॉडल टाउन स्थित वृंदा गार्डन में संस्कृत महोत्सव का आयोजन किया गया। इसमें संस्कृत के पंडितों, शिक्षाविद और विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने अभिभावकों से अपने बच्चों को इंजीनियर, चिकित्सक या अधिकारी बनाने के लिए दबाव डालने से पहले उन्हें अच्छा इंसान बनाने के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया। कार्यक्रम में उन्होंने पंचतंत्र को एक मनोविज्ञान तथा वर्तमान समय के लिए प्रासंगिक बताते हुए आज के भौतिक युग में शिक्षा का व्यापारीकरण होने से बच्चों का बचपन छिनने पर ¨चता जताई है। इस मौके पर संस्कृत श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें जैन पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों का दबदबा रहा। कार्यक्रम में प्रसिद्ध समाजसेवी एमपी गोयल ने स्वागत किया। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के अध्यक्ष राजेंद्र निगम ने अतिथियों का परिचय कराया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता संस्कृत साहित्यकार डॉ राधेश्याम शुक्ल ने कहा कि पंचतंत्र एक मनोवैज्ञानिक ग्रंथ है और इसके श्लोक जीवन के सूत्र का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि आज बच्चों का बचपन हमने छीन लिया है। हमें उन्हें इंजीनियर, डॉक्टर या कलेक्टर बनाने से पहले एक अच्छा इंसान बनाना होगा। परिषद महासचिव गोपाल वाशिष्ठ के संचालन में चले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं संस्कृत अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. श्रेयांश द्विवेदी ने कहा कि संस्कृत को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य सरकार का ही नहीं है, बल्कि हमें इस दायित्व को निभाने के लिए आगे आना चाहिए। वेदों की ऋचाओं, मानस व गीता पाठ की प्रकिया से भावी पीढ़ी को अवगत कराना होगा। उन्होंने साहित्यकार विपिन सुनेजा के सुझाव पर संस्कृत कार्यशाला के आयोजन की मंजूरी दी। सारस्वत अतिथि डॉ. शिवनारायण शास्त्री ने इस स्वर्ण जयंती वर्ष में गीता के महत्व को साथ संस्कृति, संस्कार व संस्कृत पर भी ध्यान देने का आह्वान किया। एनके गुप्ता ने संस्कृत को जीवन सार बताया। डॉ. उमाशंकर यादव, डॉ. तारा सक्सेना ने अनूठा आयोजन बताया। अध्यक्षीय संबोधन में संस्कृत अकादमी के पूर्व निदेशक डॉ. रामेश्वरदत्त शर्मा ने संस्कृत को भारत की आत्मा बताते हुए इस धरोहर को बचाने का आह्वान किया। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. रमेशचंद्र शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।