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जानकारी : खेल कोटे से डी-ग्रुप की नौकरी में भर्ती हुए युवा दोबारा बनवा रहे डी ग्रेडेशन सर्टिफिकेट

हरियाणा में करीब 18 हजार युवा ग्रुप डी में भर्ती हुए थे। इनमें 1518 उम्मीदवार खेल कोटा में भर्ती हुए थे। खेल के डी-ग्रेडेशन सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी मिली थी। भर्ती खिलाड़ियों को 15 दिनों के अंदर दोबारा से डी ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनवाकर संबंधित विभाग में जमा करवाना होगा

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 01:21 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 01:21 PM (IST)
13 अक्टूबर को पत्र जारी हुआ है और 28 अक्टूबर तक सर्टिफिकेट बनाने का कार्य किया जाएगा।

कैथल [सुनील जांगड़ा] खेल कोटे में डी-ग्रुप में भर्ती हुए युवाओं की परेशानी बढ़ गई है। हाईकोर्ट के आदेशानुसार खेल कोटे में भर्ती हुए सभी युवाओं को दोबारा से डी ग्रेडेशन का सर्टिफिकेट बनवाना होना। खिलाड़ी संबंधित में खेल कार्यालय में जाकर सर्टिफिकेट बनवाने में लग गए हैं। सरकार की ओर से हरियाणा में करीब 18 हजार युवाओं को ग्रुप डी में भर्ती किया था। इनमें 1518 उम्मीदवार खेल कोटा में भर्ती हुए थे। खेल के डी-ग्रेडेशन सर्टिफिकेट के आधार पर युवाओं को नौकरी मिली थी।

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भर्ती हुए सभी खिलाड़ियों को 15 दिनों के अंदर-अंदर दोबारा से खेल का डी ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनवाकर संबंधित विभाग में जमा करवाना होगा। 13 अक्टूबर को पत्र जारी हुआ है और 28 अक्टूबर तक सर्टिफिकेट बनाने का कार्य किया जाएगा। जिला खेल विभाग युवा अपने कागजात लेकर पहुंचना शुरू हो गए हैं। तीन युवाओं ने कागजात जमा करवाए हैं, जिनमें से कबड्डी खिलाड़ी मंदीप का कागजात सही पाए गए हैं। विभाग ने कागजातों की जांच के लिए हैंडबाल कोच डा. राजेश कुमार, जूडो कोच जोगिंद्र, बॉक्सिंग कोच अमरजीत, वुशू कोच रीटा और कबड्डी कोच रोहताश की एक कमेटी बनाई है।

इस बात को लेकर उलझा है मामला

सरकार की ओर से अप्रैल 2018 में ग्रुप की भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था। 25 मई 2018 को खेल विभाग की ओर से डी ग्रेडेशन सर्टिफिकेट को लेकर नए निर्देश जारी कर दिए थे। युवाओं ने इस भर्ती के लिए 1993 की खेल नीति के अनुसार बने ग्रेडेशन सर्टिफिकेट लगा दिए थे। 31 जनवरी 2019 को युवाओं ने विभिन्न विभागों में ज्वाइन कर लिया था। उसके बाद युवाओं ने नई खेल नीति को लेकर ग्रेडेशन सर्टिफिकेट ना बने होने का हवाला देकर सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में केस कर दिया था।

यह हुआ था बदलाव

खेल नीति 1993 के अनुसार अगर कोई भी खिलाड़ी राज्य या जिला स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेता था तो उसका डी ग्रेड का सर्टिफिकेट खेल विभाग बनाकर देता था। 25 मई 2018 के नए निर्देशों के अनुसार अंडर-19 और सीनियर लेवल के खेलों में राज्य या जिला स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में पहला, दूसरा या तीसरा स्थान प्राप्त करने वालों का ही डी ग्रेड का ग्रेडेशन बनाया जाएगा।

-----डी ग्रेडेशन के सर्टिफिकेट पर भर्ती हुए डी ग्रुप के युवा खेल विभाग में पहुंच रहे हैं। कागजातों की जांच करने के लिए उन्होंने पांच खेल प्रशिक्षकों की एक कमेटी बना दी है। कागजातों की पूरी जांच होने के बाद ही डी ग्रेड का सर्टिफिकेट बनाकर दिया जाएगा।

- राज यादव, जिला खेल अधिकारी। 


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